
प्रतिलिपिमानव सभ्यता के इतिहास में आज जितनी भी उपलब्धियां सभी समाज के लेखन का गौरव बढ़ा रही हैं ;इनमें यह निर्विवाद सत्य है किइस सम्पूर्ण परिदृश्य में जितनी भूमिका पुरुषों की रही है उतनी ही महिलाओं की भी है .पाचीन काल में नारी देवी रूप में पूज्या थी तो मध्य काल में वह उपेक्षा का शिकार हुई ..लेकिन ,यह सत्य है कि किसी भी देश के सामजिक निर्माण और उत्थान में नारी के योगदान को नकारा नहीं जा सकता .जहाँ तक संथाल आदिवासी समाज की बात है तो कुछ पारिवारिक और धार्मिक अनुष्ठानों को छोड़कर सामान्यत: महिलाओं को पुरुषों ...
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या