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संस्मरण

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संस्मरण बात उन दिनों की है जब मैं इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बीए0 द्वितीय वर्ष का छात्र था। मैं घर से कमरे पर जा रहा था। दोपहर का समय था। बैरहना चौराहे पर बस से उतरने के पश्चात मैं पैदल ही ...

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लेखक के बारे में

रविशंकर 'विद्यार्थी' युवा कवि सिरसा मेजा प्रयागराज 8707441873

समीक्षा
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  • author
    Asha garg
    29 फ़रवरी 2020
    Great job 👍👍
  • author
    शशि कुशवाहा
    24 फ़रवरी 2020
    nice
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    Asha garg
    29 फ़रवरी 2020
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    शशि कुशवाहा
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