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संशय

4.2
10405

हमेशा मुस्कराने वाला अभय आज एक पेशोपेश में फंसा हुआ था। उसे आभास होने लगा था कि उसके सोचने समझने की शक्ति कहीं गुम होम लगी थी। 2 परिवारों की खुशियां उसके हर एक कदम को प्रभावित कर रहे थे। सोचते ...

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लेखक के बारे में
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Suhaas Mani

Text me on 7017672609

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Shekhar Malik
    26 दिसम्बर 2018
    अभय ने बहुत कुछ सहा ह अभी तक लेकिन आने वाली जिंदिगी बहुत ही खुशियों से भरी होने वाली ह
  • author
    Jitendra Kumar
    15 अगस्त 2018
    जबरदस्त क्या कहानी लिखी है आपने। ये कहानी नही है ये तो बहुतो के साथ हुआ होगा। और कहीं न कही लगता है कि जैसे किसी की आत्म कथा पढ़ रहा हूं। कहानी का दूसरा भाग कहाँ है, कब प्रकाशित होगी। मुझे ई मेल कीजियेगा जरूर । बेचैनी है आगे पढ़ने की। आप जबरदस्त कहानी कार है। जवाब नही आपका, लाजवाब है आप। आपको और कौन कौन सी कहानी है, मैं सभी पढ़ना चाहता हूँ।
  • author
    Neha Sharma
    07 मई 2021
    Suhaas Ji, You have drafted it very well. I liked your thoughts and ideas expressed in this story.
  • author
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    Shekhar Malik
    26 दिसम्बर 2018
    अभय ने बहुत कुछ सहा ह अभी तक लेकिन आने वाली जिंदिगी बहुत ही खुशियों से भरी होने वाली ह
  • author
    Jitendra Kumar
    15 अगस्त 2018
    जबरदस्त क्या कहानी लिखी है आपने। ये कहानी नही है ये तो बहुतो के साथ हुआ होगा। और कहीं न कही लगता है कि जैसे किसी की आत्म कथा पढ़ रहा हूं। कहानी का दूसरा भाग कहाँ है, कब प्रकाशित होगी। मुझे ई मेल कीजियेगा जरूर । बेचैनी है आगे पढ़ने की। आप जबरदस्त कहानी कार है। जवाब नही आपका, लाजवाब है आप। आपको और कौन कौन सी कहानी है, मैं सभी पढ़ना चाहता हूँ।
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    Neha Sharma
    07 मई 2021
    Suhaas Ji, You have drafted it very well. I liked your thoughts and ideas expressed in this story.