pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

सन्नाटो की आवाजे

4.4
4541

जब हम जुदा हुए थे.. उस दिन अमावस थी !! रात भी चुप थी और हम भी चुप थे.....! एक उम्र भर की खामोशी लिए हुए...!!! मैंने देखा, तुमने सफ़ेद शर्ट पहनी थी.... जो मैंने तुम्हे ; तुम्हारे जन्मदिन पर दिया ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

Name : Vijay Kumar Sappatti Education : MBA, PG-HRD, PG-MKTG, DEGREE-Economics & English Literature, DIPLOMA in Mining Engineering Job : Marketing Consultant Publications : Two books in Hindi – one for poetry and one for stories Poetry – “ Ujale Chaand Kee Beceni “ Story- “ Ek Thi Maaya “ Many poems and stories published in various national and international magazines [ both in print & electronic medium ] Major Blogs Poems – http://frozenmomentsoflifetime.blogspot.in ,Writings - http://thewritingonwall.blogspot.in

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    रोहित
    09 मई 2018
    उम्र भर ढूढ़ते है हम किसी मे किसी और को ।
  • author
    30 मार्च 2018
    आपकी रचनाएँ बिन कहे ही बहुत कुछ कह जाती है, लेकिन मोबाइल के जमाने मे ऐसा कहा होता है वो आखिरी मुलाकात हर किसी को कहा नसीब होती है
  • author
    08 मई 2018
    काव्य कथा, जी हाँ काव्य कथा ही कहूँगी जो दिल को छू गई, मस्तिष्क में दृश्यों को सजीव कर दिया। बहुत सुंदर।
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    रोहित
    09 मई 2018
    उम्र भर ढूढ़ते है हम किसी मे किसी और को ।
  • author
    30 मार्च 2018
    आपकी रचनाएँ बिन कहे ही बहुत कुछ कह जाती है, लेकिन मोबाइल के जमाने मे ऐसा कहा होता है वो आखिरी मुलाकात हर किसी को कहा नसीब होती है
  • author
    08 मई 2018
    काव्य कथा, जी हाँ काव्य कथा ही कहूँगी जो दिल को छू गई, मस्तिष्क में दृश्यों को सजीव कर दिया। बहुत सुंदर।