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संघर्ष ही जीवन

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समझ तेरी फिर गई, क्या पर घबरा नहीं। जो आज पल  खो गया, वह कल मिलेगा नहीं। तम के आते ही नींद, पकड़ लेती हैं। नींद के आते ही, सपने जकड़ लेते हैं। तू बन साहसी संघर्ष कर, क्या थका क्यों रुका ...

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लेखक के बारे में
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ई0 रमाकान्त

Name-Ramakant Father's name - Babu lal Mother's name-Ram Murti District - HARDOI/UNNAO UP. मुझे पुस्तकें पढ़ने का शौक है। मैं कहानी और कविता नहीं लिखता हूँ। मैं हकीकत और अपने विचार लिखता हूँ। मेरे मन में जो भावनायें उत्पन्न होती रहती है उसी के अनुसार मैं कुछ न कुछ लिखता रहता हूँ।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Vineet Raj Mohan
    02 मई 2020
    Very nice
  • author
    Neeraj kumar 025
    06 फ़रवरी 2021
    kya bat h ,gjb
  • author
    Sandeep Kumar
    02 मई 2020
    bahut sunder
  • author
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    Vineet Raj Mohan
    02 मई 2020
    Very nice
  • author
    Neeraj kumar 025
    06 फ़रवरी 2021
    kya bat h ,gjb
  • author
    Sandeep Kumar
    02 मई 2020
    bahut sunder