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समुद्र तट - कविता

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गहरे समुंदर का प्यारा तट, कुछ कहता है बातें अब नई, पानी तो बहता जाता है पर, तट वहीं पर ठहर जाता है! वो देखता है मौसम के बदलाव, कई प्रेमियों के बेमौसम के अलगाव, देखता है दुवावों में बसा हुंवा कोई ...

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लेखक के बारे में
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sangita kulkarni

प्लीज इनबॉक्स में मॅसेज मत किजीयेगा, सिर्फ मेरी लिखी रचनाओं पर ही आपकी अनमोल समीक्षा लिखना, क्यूंकी सवाल जबाब में बहुत समय बरबाद होता है, जो शायद लिखने और कुछ खुबसुरत रचनाऐ पढने में काम आयेगा! मेरी सारी रचनाये मेरी लिखी हुंवी है, और कॉपीराईट ऍक्ट 1957 के तहत रजिस्टर है, कोई भी चोरी करने की कोशिश ना करे, वरना ऍक्शन लिया जायेगा! " कुछ शौक हमने भी अजीबो गरीब पाले है, हरदिन को हम हौसलों को घर बुलाये है, सोचती हुं आज क्या बेहतर पा लुंगी जहां में, तो खुद का ही अलग जहां हरदिन बसाये है!" मैं एक शिक्षक, सिखाने के साथ साथ कविता, गजल, शेरो शायरी लिखने का शौक रखती हुं, इसमें आगे चलकर नाम कमाना चाहती हुं, कैसा लिखती हुं, ये तो आप लोग ही बताईगा! कॉलेज के दिनों से जो लिखने का शौक था, कब सोचा था उसे इस तरह पूरा कर पाऊंगी, ढेर सारे दोस्तो् से जुड पाऊंगी , आशा करती हु ये सफर यू्ही हमारा साथ साथ जारी रहेगा!

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Jyoti Bala Shrivastava
    30 മാര്‍ച്ച് 2022
    आपने अपनी रचना के माध्यम से बहुत ही अच्छी बात कही है फिर मनुष्य को भी समुद्र की तरह स्थिर प्रज्ञ होकर खुशी और गम दोनों में ही समरूप रहना चाहिए । बहुत ही सारगर्भित रचना है आपकी
  • author
    Shital Chandarana
    16 ഏപ്രില്‍ 2025
    बहुत ही बढिया 👌🏻👌🏻👌🏻
  • author
    Dipti Dange
    16 ഏപ്രില്‍ 2025
    nice👍👍
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  • author
    Jyoti Bala Shrivastava
    30 മാര്‍ച്ച് 2022
    आपने अपनी रचना के माध्यम से बहुत ही अच्छी बात कही है फिर मनुष्य को भी समुद्र की तरह स्थिर प्रज्ञ होकर खुशी और गम दोनों में ही समरूप रहना चाहिए । बहुत ही सारगर्भित रचना है आपकी
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    Shital Chandarana
    16 ഏപ്രില്‍ 2025
    बहुत ही बढिया 👌🏻👌🏻👌🏻
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    Dipti Dange
    16 ഏപ്രില്‍ 2025
    nice👍👍