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सम्मान पत्र

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सम्मान पत्र पारितोषिक है। प्रज्ञा कला महत्वाकांक्षा का। इसकी आभा सूरज जैसी। सृजन उत्साह आकांक्षा का। ये अमूल्य अतुल्य सर्वदा। हर दिल पर करता राज है। इसकी दौड़ में हर कोई है। बूढ़ा बच्चा या जांबाज ...

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लेखक के बारे में
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    vinod d
    07 दिसम्बर 2021
    लाजवाब सुन्दर रचना 👌👌🌷🌷
  • author
    sangeet a
    04 जनवरी 2022
    सुन्दर रचना 👌👌
  • author
    Raj shri
    30 दिसम्बर 2021
    बेमिसाल 👌👌💐💐
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  • author
    vinod d
    07 दिसम्बर 2021
    लाजवाब सुन्दर रचना 👌👌🌷🌷
  • author
    sangeet a
    04 जनवरी 2022
    सुन्दर रचना 👌👌
  • author
    Raj shri
    30 दिसम्बर 2021
    बेमिसाल 👌👌💐💐