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समझौता शायरी

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मैं पागल हूँ तभी मोहब्बत कीं हैं दिमाग वाले तो अक्सर समझौते करते हैं ।। मोहब्बत तो बेमतलब कीं ही होती हैं जनाब मतलब के लिए तो अक्सर समझौते होते हैं ।। मोहब्बत ए बिमारी पर सब फिदा हैं सांस तब तक ...

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लेखक के बारे में
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माही - मन

💚❤💙💚💛💜💓💕💖💗💝💞💟

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Khushbu Tyagi
    29 मार्च 2020
    वाह बहुत सुंदर 👌👌👍
  • author
    AnshuPriya Agrawal
    29 मार्च 2020
    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
  • author
    अंजलि
    29 मार्च 2020
    बहुत खूब 👌👌👏👏
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  • author
    Khushbu Tyagi
    29 मार्च 2020
    वाह बहुत सुंदर 👌👌👍
  • author
    AnshuPriya Agrawal
    29 मार्च 2020
    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
  • author
    अंजलि
    29 मार्च 2020
    बहुत खूब 👌👌👏👏