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समय चक्र

4.2
274

समय चक्र तरक्की बहुत ही लजीज होती है लगातार मिलती रहे तो बाकि सब कुछ बहुत फीका लगने लगता है I इंसानी फितरत भी क्या चीज है वर्तमान को ही सब कुछ मान बैठते है हम I तरक्की एक तरह का नशा है जिस का बढ़ता है ...

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लेखक के बारे में
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Madan Gopal Sharma

मदन गोपाल शर्मा,हाउस न 1567 कालेज कॉलोनी, सेक्टर 11, डेराबस्सी 140507

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    The Royal gamers
    11 जून 2021
    समय व्यतीत हो जाने पर अब पछताए क्या होत, समय बलवान है लोगों की दुआ काम आती जिनकी बद दुआ उनको लग गई।
  • author
    राजेश कमल
    10 जून 2021
    कथ्य अच्छा था। लगा कि कहीं कहीं पूर्ण विराम छूट गया।
  • author
    10 जून 2021
    सुंदर रचना👌👌
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  • author
    The Royal gamers
    11 जून 2021
    समय व्यतीत हो जाने पर अब पछताए क्या होत, समय बलवान है लोगों की दुआ काम आती जिनकी बद दुआ उनको लग गई।
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    राजेश कमल
    10 जून 2021
    कथ्य अच्छा था। लगा कि कहीं कहीं पूर्ण विराम छूट गया।
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    10 जून 2021
    सुंदर रचना👌👌