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समर्पित

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हे प्रभु , समर्पित है तुमको, मेरे मन का हर एक भाव.... मेरी पीड़ा, मेरे आंसु मेरे सपने अनगिनत, नहीं कोई भी है आसपास जिससे कह दूं । मैं अपने मन की हर एक बात  , संसार मुझे हर पल विचलित करता , मेरे ...

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लेखक के बारे में
author
Dr. Pragati Singh "Anupam"

जिन्दगी से कुछ पल अपने लिए चुराये है बस उन्हीं पलो मे लेखनी उठाई है । लेखन में बहुत कमियाँ है आप सब के सुझाव और टिप्पणी मेरे लिए बहुमूल्य है। मेरी रचनाओं को पढऩे और अपनी टिप्पणी करने के लिए आप सब का ह्मदय से आभार। लेखन मेरा शौक होने के साथ साथ मेरे लिए मानसिक शांति का भी माध्यम है। मेरी लेखन में कल्पना की कमी है और वास्तविकता अधिक है जो भी जीवन और समाज मे देखा अनुभव किया बस.उसी को शब्दों में पिरोया है। आप सबके के सुझाव सदैव आदरणीय है इससे मेरे लेखन मे सुधार होगा और निखार आयेगा।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Anupama Sarvadharmi "Sarvadharmi"
    08 जनवरी 2022
    samarpan hi sarvotam hai
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    Anupama Sarvadharmi "Sarvadharmi"
    08 जनवरी 2022
    samarpan hi sarvotam hai