pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

समर्पण : जबरदस्ती या प्यार

5
364

समर्पण : जबरदस्ती या प्यार कोने में दुल्हन बनी मै खड़ी थी हाथों में सिंदूर की डिबिया पड़ी थी वक्त था मेरे घर से विदा होने की छोड़ सब सखियां को जाने की बेला हो चली थी ये कैसा शोर था जिसमें खुशियों ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
pallavi joshi
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Dr Sushil Chandra Gupta "Gupta"
    28 फ़रवरी 2022
    शादी के बाद कैसे किसी लड़की को सुहागरात एक मुसीबत के रूप में आती है इसी को दर्शाती है आपकी सुंदर सामाजिक कहानी बधाई
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Dr Sushil Chandra Gupta "Gupta"
    28 फ़रवरी 2022
    शादी के बाद कैसे किसी लड़की को सुहागरात एक मुसीबत के रूप में आती है इसी को दर्शाती है आपकी सुंदर सामाजिक कहानी बधाई