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हिन्दी

सज्जनता का दंड

4.6
11307

साधारण मनुष्य की तरह शाहजहाँपुर के डिस्ट्रिक्ट इंजीनियर सरदार शिवसिंह में भी भलाइयाँ और बुराइयाँ दोनों ही वर्तमान थीं। भलाई यह थी कि उनके यहाँ न्याय और दया में कोई अंतर न था। बुराई यह थी कि वे सर्वथा ...

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लेखक के बारे में

मूल नाम : धनपत राय श्रीवास्तव उपनाम : मुंशी प्रेमचंद, नवाब राय, उपन्यास सम्राट जन्म : 31 जुलाई 1880, लमही, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) देहावसान : 8 अक्टूबर 1936 भाषा : हिंदी, उर्दू विधाएँ : कहानी, उपन्यास, नाटक, वैचारिक लेख, बाल साहित्य   मुंशी प्रेमचंद हिन्दी के महानतम साहित्यकारों में से एक हैं, आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह माने जाने वाले प्रेमचंद ने स्वयं तो अनेकानेक कालजयी कहानियों एवं उपन्यासों की रचना की ही, साथ ही उन्होने हिन्दी साहित्यकारों की एक पूरी पीढ़ी को भी प्रभावित किया और आदर्शोन्मुख यथार्थवादी कहानियों की परंपरा कायम की|  अपने जीवनकाल में प्रेमचंद ने 250 से अधिक कहानियों, 15 से अधिक उपन्यासों एवं अनेक लेख, नाटक एवं अनुवादों की रचना की, उनकी अनेक रचनाओं का भारत की एवं अन्य राष्ट्रों की विभिन्न भाषाओं में अन्यवाद भी हुआ है। इनकी रचनाओं को आधार में रखते हुए अनेक फिल्मों धारावाहिकों को निर्माण भी हो चुका है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Raghav Pal
    27 फ़रवरी 2020
  • author
    पवनेश मिश्रा
    10 अप्रैल 2020
    कथा सम्राट के कृतित्व को सादर नमन 🙏🌹🙏,
  • author
    Shekhar Dubey
    10 फ़रवरी 2019
    प्रेमचंद जी की कहानियां । यथार्थ का सजीव चित्रण । लाज़वाब।
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    Raghav Pal
    27 फ़रवरी 2020
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    पवनेश मिश्रा
    10 अप्रैल 2020
    कथा सम्राट के कृतित्व को सादर नमन 🙏🌹🙏,
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    Shekhar Dubey
    10 फ़रवरी 2019
    प्रेमचंद जी की कहानियां । यथार्थ का सजीव चित्रण । लाज़वाब।