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सहारा

4.7
10768

कहते वक़्त हमेशा एक-सा नही होता है, " कभी अच्छा कभी बुरा ओर कभी बहुत बुरा भी" शायद मनोहर ने कभी नही सोचा था की 19 साल के बाद उसका वक़्त क्या होने वाला है? बचपन मे एक के बाद एक मिली ठोकर से ...

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लेखक के बारे में

जीवन मे कुछ कर गुजरने की चाहत आपके लक्ष्य को आपके नजदीक जल्दी ले जाती है,

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Prachi Pathak
    27 सितम्बर 2018
    बहुत अच्छी मर्मस्पर्शी कहानी है।
  • author
    मनोरमा ओझा
    14 फ़रवरी 2020
    अति उत्तम।प्रेरणादायक कहानी।काश!हमलोग ऐसी कहानियों से शिक्षा लेकर किसी अनाथ बच्चे की मदद के लिए हाथ बढ़ाते तो समाज बहुत ही खूबसूरत हो जाता।उद्देश्य पूर्ण लेखन के लिए साधुवाद।
  • author
    khushi Priyanka "Gupta"
    27 अगस्त 2019
    hradysparshi kahani hai aapki. achcha laga padhkar. kripya meri kahani" anokha rishta" bhi padhe.
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    Prachi Pathak
    27 सितम्बर 2018
    बहुत अच्छी मर्मस्पर्शी कहानी है।
  • author
    मनोरमा ओझा
    14 फ़रवरी 2020
    अति उत्तम।प्रेरणादायक कहानी।काश!हमलोग ऐसी कहानियों से शिक्षा लेकर किसी अनाथ बच्चे की मदद के लिए हाथ बढ़ाते तो समाज बहुत ही खूबसूरत हो जाता।उद्देश्य पूर्ण लेखन के लिए साधुवाद।
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    khushi Priyanka "Gupta"
    27 अगस्त 2019
    hradysparshi kahani hai aapki. achcha laga padhkar. kripya meri kahani" anokha rishta" bhi padhe.