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सफेदी वाला

4.7
671

सफेदी वाला ‘‘बेटा नन्नू देख टीन में आटा है क्या? है तो निकाल दे, मेरे से उठा नहीं जा रहा, ला रोटी बना दूँ।’’ सात साल के नन्नू सेे बोल पड़ी माँ। ‘‘तुम्हारा तो माथा गरम है, बुखार तो नहीं है माँ?’’ ...

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लेखक के बारे में
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Dharm Pal Singh Rawat

"बारह आने की टोपी", "मेरा प्राथमिक विद्यालय" "ईमानदारी की सजा" और कहानी "अब तो आदत हो गई है" मेरी कहानियां मेरा परिचय हैं। तीन साल पहले दिल की भावनाओं को शब्दों में उकेरना शुरू किया। प्रत्तिलिपि पर मेरी कहानियों के अलावा मेरी रचनाएँ... 1.भरवा रोटी (कहानी संग्रह) 2.विदाई का रुपया(कहानी संग्रह) 3.झुमके(कहानी संग्रह) Amazon पर उपलब्ध 4.वो सांवली कन्नू(कहानी संग्रह) Amazon पर उपलब्ध 5.माधुरी (उपन्यास) Amazon पर उपलब्ध 6.आछेरी परी(उपन्यास) Amazon पर उपलब्ध 7.C/O 56 APO आर्मी पोस्ट ऑफिस (उपन्यास) Amazon पर उपलब्ध मेरी रचनाओं चाहे Fiction हो या Non Fiction सच्चाई का बोध कराती हैं और मेरा ध्येय भी यही है कि समाज को कुछ नया दे सकूं।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    sarita joshi
    04 जनवरी 2024
    सही है गरीब व्यक्ति ही गरीब व्यक्ति की मजबूरी समझता है जैसे ही पैसे पास में आ जाते हैं व्यक्ति की मनोदशा बदल जाती है और वह भूख को महसूस करना भूल जाता है।
  • author
    Harshita Atkan
    13 फ़रवरी 2025
    good story 👌👌👌👌👌👌🌟🌟 choti c emotional story 👌👌👌👌👌🌟⭐🌟 all the best for u
  • author
    अर्चना "हरिशंकर"
    14 मार्च 2021
    बहुत सुंदर मर्मस्पर्शी कहानी वास्तव में एक वर्ग की कटु सत्यता उत्कृष्ट रचना
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    sarita joshi
    04 जनवरी 2024
    सही है गरीब व्यक्ति ही गरीब व्यक्ति की मजबूरी समझता है जैसे ही पैसे पास में आ जाते हैं व्यक्ति की मनोदशा बदल जाती है और वह भूख को महसूस करना भूल जाता है।
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    Harshita Atkan
    13 फ़रवरी 2025
    good story 👌👌👌👌👌👌🌟🌟 choti c emotional story 👌👌👌👌👌🌟⭐🌟 all the best for u
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    अर्चना "हरिशंकर"
    14 मार्च 2021
    बहुत सुंदर मर्मस्पर्शी कहानी वास्तव में एक वर्ग की कटु सत्यता उत्कृष्ट रचना