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सफेद गुलाब

4.5
12732

वह उद्दिग्न था, उलझन में था। अनिर्णय की स्थिति हॉंवी थी। उसकी यह स्थिति काफी दिनों से थी। रोज तैय्यारी करके आता था, कि आज वह अपनी बात कह देगां, परन्तु उसके दिखते ही, सारा मन ही मन में किया अभ्यास रेत ...

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लेखक के बारे में
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राजा सिंह

नाम         ः     राजा सिंह  जन्म         ः    02 अगस्त 1963 (कानपुर) शिक्षा         ः     एम. एस. सी. (जन्तु विज्ञान) विधा        ः    कहानी एवं कविताएं, कई कहानियां एवं कविताएं विभिन्न                  पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित   संप्रति        ः    भारतीय स्टेट बैंक में प्रबन्धक  ई मेल - तंरंण्ेपदही1312/हउंपसण्बवउ  साभार     ः    हंस, पाखी, कथाक्रम, कथा बिम्ब, बया, उद्भावना, वागर्थ, वाक, लमही, जन सत्ता, दैनिक हरिभूमि,कथा समय, हरिगंधा, प्रगतिशील वसुधा, मधुमती,लहक, इन्द्र प्रस्थ भारती, अभिनव इमरोज, चिन्तन दिशा, वचनवीथी तथा अन्य पत्र पत्रिकाएँ। समर्पित     ः    अपने अग्रज श्री अम्बिका सिंह जो मेरे प्रेेरणा स्त्रोत है  

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Nitesh Jain "Sp"
    29 सितम्बर 2018
    shandar
  • author
    Shashi Purohit
    02 सितम्बर 2018
    बहुत सुन्दर कहानी। स्त्री पुरूष की प्रेम से भरी भावना पर आधारित। सच साथ देना इसे कहते है।
  • author
    Sangita Sharma
    13 जुलाई 2017
    Shuru se ant tak bandh ke rkhane bali vidhayukt kahani. Nice.
  • author
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    Nitesh Jain "Sp"
    29 सितम्बर 2018
    shandar
  • author
    Shashi Purohit
    02 सितम्बर 2018
    बहुत सुन्दर कहानी। स्त्री पुरूष की प्रेम से भरी भावना पर आधारित। सच साथ देना इसे कहते है।
  • author
    Sangita Sharma
    13 जुलाई 2017
    Shuru se ant tak bandh ke rkhane bali vidhayukt kahani. Nice.