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सफ़र

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4.1

कितना कुछ बदल गया है जिंदगी में दिन, हालात, लोग और तुम। नहीं बदली है तो तुम्हारी वो बातें जो मेरे ज़ेहन में आज भी गूंजती है। हमारी वो खट्टी-मीठी यादें जो हमनें एक ही छत के नीचे रहते हुए बनाई थी। ...