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सच्चे रक्षक

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जिस ठंड में हम यहां ठिठुर रहे हैं, हाथ, पाँव हमारे कंपकपा रहे हैं। जब मैं घर से बाहर निकला तो कड़कड़ाते दांत, संगीत गा रहे हैं। उसी ठंड में फौजी बर्फ में खड़े हैं, सीमा की रक्षा में डट कर अड़े हैं। सरहद ...

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लेखक के बारे में

मैं कवि नहीं हूँ लोको पायलट हूँ , ट्रेन चलाता हूँ , लिखना मेरा शौक हैं इसलिए लिखता हूँ। मेरी बेहतरीन रचनाओं में से कुछ विशेष अच्छी हैं प्यार का ब्याज, पुनर्विवाह, बिखरते रिश्ते, दो प्रेमियों के प्यार की दास्तां, सुन बेटी ताकतवर बनना, शहीद की पत्नी, वीरांगना तुम धन्य हो, संभल जा दुश्मन पाक चाइना, और म्हारा बालमाकृपया इनको जरूर पढ़ें 🙏

समीक्षा
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  • author
    Jaya Nagar
    06 एप्रिल 2025
    👍👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏रचना की प्रत्येक पंक्तियाँ अति उत्तम💯✨💯✨💯✨💯✨💯✨💯✨💯✨💯✨💯✨💯✨ लाजवाब प्रस्तुत प्रस्तुति👍👍👍👍🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 🇮🇳🙏🙏🙏🙏🙏🙏
  • author
    06 एप्रिल 2025
    तन-मन-धन सब तुझ पर वार दिया भारत मां के सैनीको ने हम पर उपकार किया
  • author
    Dinesh uniyal
    06 एप्रिल 2025
    बहुत बढ़िया जय हो तथा श्री राम नवमी की ढेर सारी बधाई 🙏🙏
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    Jaya Nagar
    06 एप्रिल 2025
    👍👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏रचना की प्रत्येक पंक्तियाँ अति उत्तम💯✨💯✨💯✨💯✨💯✨💯✨💯✨💯✨💯✨💯✨ लाजवाब प्रस्तुत प्रस्तुति👍👍👍👍🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 🇮🇳🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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    06 एप्रिल 2025
    तन-मन-धन सब तुझ पर वार दिया भारत मां के सैनीको ने हम पर उपकार किया
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    Dinesh uniyal
    06 एप्रिल 2025
    बहुत बढ़िया जय हो तथा श्री राम नवमी की ढेर सारी बधाई 🙏🙏