कहा जाता है ना " दर्पण झूठ ना बोले " । हकीकत ही है । आईना के सामने खड़े होने से हमारे बाह्य रूप की सच्चाई तो दिखाई देती ही है । कई बार तो मन के उथल-पुथल को भी वह हमारे समक्ष ला देता है । जिन्हें हम ...
मैं डॉक्टर श्रीमती ज्योति नरेश श्रीवास्तव "प्रेरणा "
मुझे पढ़ना और पढ़ाना दोनों ही अच्छा लगता है। मेरा प्रिय शौक कहानी कविता लेख और संस्मरण लिखना है। मेरी रचनाएं समाचार पत्रों में प्रकाशित होती हैं । अब वर्तमान में मैं प्रतिलिपि के माध्यम से आप लोगों से जुड़ी हुई हूं । लेखन के इस खुले आसमान के नीचे आकर मुझे ऐसा लग रहा है कि शायद मैंने ऐसा ही सपना देखा था जो अब साकार हो रहा है।
सारांश
मैं डॉक्टर श्रीमती ज्योति नरेश श्रीवास्तव "प्रेरणा "
मुझे पढ़ना और पढ़ाना दोनों ही अच्छा लगता है। मेरा प्रिय शौक कहानी कविता लेख और संस्मरण लिखना है। मेरी रचनाएं समाचार पत्रों में प्रकाशित होती हैं । अब वर्तमान में मैं प्रतिलिपि के माध्यम से आप लोगों से जुड़ी हुई हूं । लेखन के इस खुले आसमान के नीचे आकर मुझे ऐसा लग रहा है कि शायद मैंने ऐसा ही सपना देखा था जो अब साकार हो रहा है।
रिपोर्ट की समस्या
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