लुगदी साहित्य याने के पल्प फिक्शन का अगर आपको एक बार चस्का लग जाए तो फिर इसकी गिरफ्त से निकलना नामुमकिन तो नहीं लेकिन बड़ा मुश्किल है। आजकल की तरह हर जगह आसानी से उपलब्ध मनोरंजन के तमाम साधनों से पहले ...
बढिया समीक्षा ! मैने वेदप्रकाश शर्मा रचित काफी उपन्यासों को पढ़ा है । जिनमें देवकांता शामिल है । हालांकि उपरोक्त उपन्यास को मैं नहीं पढ़ा हूँ । आपकी समीक्षा पढ़कर इसे पढने की इच्छा और भी बलवती हुई है ।
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
सत्य लिखा भाई आपने । कंबोज जी द्वारा निर्मित विजय को जिस ऊंचाई पर शर्मा जी ने पहुंचाया उस जगह मुझे कोई दूसरा करेक्टर नजर नहीं आता ।
आपने उचित समीक्षा की...... धन्यवाद 🌹
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
बढिया समीक्षा ! मैने वेदप्रकाश शर्मा रचित काफी उपन्यासों को पढ़ा है । जिनमें देवकांता शामिल है । हालांकि उपरोक्त उपन्यास को मैं नहीं पढ़ा हूँ । आपकी समीक्षा पढ़कर इसे पढने की इच्छा और भी बलवती हुई है ।
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
सत्य लिखा भाई आपने । कंबोज जी द्वारा निर्मित विजय को जिस ऊंचाई पर शर्मा जी ने पहुंचाया उस जगह मुझे कोई दूसरा करेक्टर नजर नहीं आता ।
आपने उचित समीक्षा की...... धन्यवाद 🌹
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या