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सबके सब कातिल यहाँ

4.6
361

सबके सब कातिल यहाँ ! किस किस पर एतबार किया जाए !! निगाहो से किया हुशन पे वार ! ऐसे निगाह खोरो से कैसे बचा जाये !! हर घर में हे बारे-खुदी यहाँ,! अब किस घर में निवास किया जाये!! अब हर और क़यामत डसती हैं ...

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लेखक के बारे में
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Manjit Singh
    03 सितम्बर 2020
    बहुत खूबसूरत कविता, विडम्बना ये की इसका एक ही उपाय है कि सारे हरिनाम जपते रहे
  • author
    Dheeraj Kumar
    27 दिसम्बर 2019
    nice poetry and it is truth of this era
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  • author
    Manjit Singh
    03 सितम्बर 2020
    बहुत खूबसूरत कविता, विडम्बना ये की इसका एक ही उपाय है कि सारे हरिनाम जपते रहे
  • author
    Dheeraj Kumar
    27 दिसम्बर 2019
    nice poetry and it is truth of this era