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सबक इश्क का क्या खूब सिखाया

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कैसे तुम्हारा करूं शुक्रिया सनम इश्क में तूने सबक क्या खूब सिखाया अगर तुम ना जिंदगी में ना जान पाते हम दर्द को इश्क के कैसे पहचान पाते सनम मै पागल जरा दीवानी कहा मुहब्बत पहचानती जो तेरे शक के घेरे ...

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लेखक के बारे में
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🧁🇰ꪖ𝘃𝚢ã🧁

आप सभी का स्वागत मेरे ख्यालों की दुनिया में मेरी रचनाओं को अपना कीमती वक्त देकर उन्हें पसंद करने के लिए दिल से शुक्रिया ❤️🙏मगर आपसे विनम्र विनती है plz प्रोफाइल से इनबॉक्स का सफर ना तय करे🙏🙏

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Radha Parmar "Radha"
    27 दिसम्बर 2021
    अब ना चाहत की आरजू, ना हमदम का ग़म बहुत ही खूबसूरत पंक्तियां लिखी है 👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌 बेहतरीन लाजबाव पंक्तियां 👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌 शानदार 👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏 बेहद उम्दा लिखा है 👏👏✍️✍️👏👏👏👏👏👏👏👏
  • author
    Geeta Singh
    27 दिसम्बर 2021
    वाह,,बेहतरीन पंक्तियाँ 👌👌✍✍
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    Radha Parmar "Radha"
    27 दिसम्बर 2021
    अब ना चाहत की आरजू, ना हमदम का ग़म बहुत ही खूबसूरत पंक्तियां लिखी है 👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌 बेहतरीन लाजबाव पंक्तियां 👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌 शानदार 👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏 बेहद उम्दा लिखा है 👏👏✍️✍️👏👏👏👏👏👏👏👏
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    Geeta Singh
    27 दिसम्बर 2021
    वाह,,बेहतरीन पंक्तियाँ 👌👌✍✍