तेरे साथ होती हूँ तो भूल जाती हूँ हर गम मुझे जरूरत नहीं होती फिर किसी और की क्योंकि माँ तू मेरी साथी है । महीने नौ तूने गर्भ में पाला रखा सहेज कर दुनिया से बचा कर खुद से ज्यादा रखती थी , तू मेरा ...
कमल
सुनो
मैंने देखा था उस रोज
चाँदनी रातों में
बेहिचक , बेझिझक
विरान सी खड़ी थी
ऐसा लग रहा था मानो
निशा उसके गोद में समायी है
तभी तो रेखा कहती है कि
पवित्र लालिमा लिए
सभी बुराइयों से उठकर
कमल देवो के मन भायी है ।
रेखा
सारांश
कमल
सुनो
मैंने देखा था उस रोज
चाँदनी रातों में
बेहिचक , बेझिझक
विरान सी खड़ी थी
ऐसा लग रहा था मानो
निशा उसके गोद में समायी है
तभी तो रेखा कहती है कि
पवित्र लालिमा लिए
सभी बुराइयों से उठकर
कमल देवो के मन भायी है ।
रेखा
रिपोर्ट की समस्या
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