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सात वचन सात फेरे

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सात वचन जरा ध्यान से सुन लेते तो बात बात पर हिटलर नही बनते समझ लेते पति के कर्तव्यों को सारे पत्नी पर वेवजह हुक्म ना चलाते वो अच्छा रहा मैने बहुत ध्यान से सुने सारे वचन तुम्हे भी याद दिला ...

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लेखक के बारे में
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मीनाक्षी

भावजगत मे विचरण करना हमे मानसिक सूकून देता है और मन को ऊर्जा प्रदान करता है क्योकि सुख तो मन का बिषय है। जन्म से मुझको मिली है,जो विरासत मे निशानी, वह निशानी महका रही हूँ ,रीति एक निभा रही हूँ। गीत एक सजा रही हूँ,...... जब मिली पीडा मुझे तो,गीत प्रस्फुटित शब्द निकले, जान पायी कौन अपना,और लगे मन को पराया। लेखनी जब हाथ मेरे,मै किसी से क्यो डरूगीं आज मै अपने लिये ही,भाव के मोती लिखूँगी। शौकिया लिखती नही हूँ,गीत है जीवन हमारा, गीत है गत का कथानक,गीत है,भक्तिव्य हमारा। रीति एक निभा रही हूँ,गीत एक सजा रही हूँ......🌹🌹🙏

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    श्वेता विजय mishra
    09 मई 2021
    बहुत बेहतरीन सटीक सार्थक पंक्तियां लिखी आपने
  • author
    श्वेता कर्ण
    09 मई 2021
    बहुत सुन्दर और बिल्कुल सही लिखा आपने दीदी🙏
  • author
    Sneh Lata Pandey "स्नेह"
    08 मई 2021
    वाह क्या खूब लिखा सखी आपने आप का जवाब नहीं👍👍🌹🌹✍️✍️
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    श्वेता विजय mishra
    09 मई 2021
    बहुत बेहतरीन सटीक सार्थक पंक्तियां लिखी आपने
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    श्वेता कर्ण
    09 मई 2021
    बहुत सुन्दर और बिल्कुल सही लिखा आपने दीदी🙏
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    Sneh Lata Pandey "स्नेह"
    08 मई 2021
    वाह क्या खूब लिखा सखी आपने आप का जवाब नहीं👍👍🌹🌹✍️✍️