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सात जन्म का साथी

4.7
111524

"अरे ज्योति तू ? " वर्षों बाद अपनी ससुराल की एकमात्र प्यारी सखी , और मोहल्ले की मुंहबोली ननद को, मॉल में देख कर मैं खुशी से चीख उठी "हां भाभी मैं ! मुस्कुराती हुई बोली ..थोड़ा बदन भर आया था और ...

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लेखक के बारे में

लेखन मेरा जीवन है अंतर्द्वंद हो या प्रत्यक्षीकरण..जो महसूस करती हूं ,वही लेखनी के माध्यम से उतार देती हूं..! मैं पाठक व लेखक दोनो रूप जीती हूं..! और कोशिश करती हूं अपनी कहानियों में आम इंसान के जीवन की उधेड़बुन को सजीव रूप में प्रस्तुत कर सकूं..! मेरा लघुकथा सँग्रह प्रकाशित हो चुका है, पन्नों के कैनवास .. पन्नों के कैनवास amazon और flipkart पर उपलब्ध है इच्छुक लोग ऑर्डर कर सकते हैं। https://www.amazon.in/dp/9388277953/

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    uday kumar
    01 நவம்பர் 2018
    mind blowing story mam...जिस परिपक्वता से आपने प्रत्येक परिस्थितियों को शब्दों में बाँधा है,वह काबिल-ए-तारीफ़ है।
  • author
    Shashikant Tripathi
    01 நவம்பர் 2018
    समकालीन चित्रण - सात जन्म का साथ कहें या न कहें समय का साथ तो बनता है।
  • author
    MK Bairwa
    30 ஆகஸ்ட் 2021
    बहुत ही खूब... सीधे दिल के आर पार ... जिस प्रकार से आपने कहानी में शब्दों को पिरोया हैं काबिले तारीफ़ है ... Heart touching ma'am ji thank you very much..
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    uday kumar
    01 நவம்பர் 2018
    mind blowing story mam...जिस परिपक्वता से आपने प्रत्येक परिस्थितियों को शब्दों में बाँधा है,वह काबिल-ए-तारीफ़ है।
  • author
    Shashikant Tripathi
    01 நவம்பர் 2018
    समकालीन चित्रण - सात जन्म का साथ कहें या न कहें समय का साथ तो बनता है।
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    MK Bairwa
    30 ஆகஸ்ட் 2021
    बहुत ही खूब... सीधे दिल के आर पार ... जिस प्रकार से आपने कहानी में शब्दों को पिरोया हैं काबिले तारीफ़ है ... Heart touching ma'am ji thank you very much..