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साँच को आँच नहीं :)

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मैं, तुम, हम सच कहूँ तो सब बड़े ही खुदगर्ज़ हैं कोई किसी का नहीं सब अपनी ही बात अपने ही अस्तित्व को हवा देते रहते हैं कि दम घुट ना जाये कहीं ... सत्य जिन्दा है जब तक विश्वास भी सांस ले रहा है तब तक ...

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लेखक के बारे में
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Seema Singhal
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    श्वेता सिन्हा
    17 जनवरी 2019
    वाह्ह्ह सीमा जी...बहुत ही लाज़वाब अभिव्यक्ति.. शानदार सृजन👌
  • author
    Deepa Chaturvedi
    17 जनवरी 2019
    बेहतरीन ...
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    श्वेता सिन्हा
    17 जनवरी 2019
    वाह्ह्ह सीमा जी...बहुत ही लाज़वाब अभिव्यक्ति.. शानदार सृजन👌
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    Deepa Chaturvedi
    17 जनवरी 2019
    बेहतरीन ...