pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

रूठ गया हर नज़ारा मुझसे

5
15

रूठ गया हर नजारा मुझसे चारो तरफ   बस फैली खामोशी है मन उदास सा लगता है मानो जिंदगी नाराज हो जैसे मुकद्दर का हर फैसला मैंने हँसकर कबूल किया जो मिला उसे ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

राजिव नयन धरैधनु सायक। भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। दया अगर लिखने बैठूं!! तो होते अनुवादित राम रावण को भी नमन किया (कवि अतहर द्वारा) ऐसे थे मर्यादित राम 🙏🙏🙏🙏🙏🙏,💐💐💐💐💐💐

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Suman Sugam
    11 நவம்பர் 2021
    जब घेर ले तुम्हे चारो तरफ से निराशा खुद पर विश्वास करना और खुद से ही आशा💐 वाह... बहुत खूबसूरत लिखा 👌🏼👌🏼
  • author
    Ashu Akash Chaudhary
    14 நவம்பர் 2021
    bhut sundar 👌👌👌👌👌👌🌼🌺💗🌺🌼💗🌺🌼💗🌺🌼💗🌺🌼💗🌺🌼💗🌺🌼💗🌺🌼💗
  • author
    Rubi P Singh
    11 நவம்பர் 2021
    आपने बहुत सुंदर भावों की अभिव्यक्ति की है 💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Suman Sugam
    11 நவம்பர் 2021
    जब घेर ले तुम्हे चारो तरफ से निराशा खुद पर विश्वास करना और खुद से ही आशा💐 वाह... बहुत खूबसूरत लिखा 👌🏼👌🏼
  • author
    Ashu Akash Chaudhary
    14 நவம்பர் 2021
    bhut sundar 👌👌👌👌👌👌🌼🌺💗🌺🌼💗🌺🌼💗🌺🌼💗🌺🌼💗🌺🌼💗🌺🌼💗🌺🌼💗
  • author
    Rubi P Singh
    11 நவம்பர் 2021
    आपने बहुत सुंदर भावों की अभिव्यक्ति की है 💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕