रूठ गया हर नजारा मुझसे चारो तरफ बस फैली खामोशी है मन उदास सा लगता है मानो जिंदगी नाराज हो जैसे मुकद्दर का हर फैसला मैंने हँसकर कबूल किया जो मिला उसे ...
राजिव नयन धरैधनु सायक।
भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।।
दया अगर लिखने बैठूं!!
तो होते अनुवादित राम
रावण को भी नमन किया (कवि अतहर द्वारा)
ऐसे थे मर्यादित राम
🙏🙏🙏🙏🙏🙏,💐💐💐💐💐💐
सारांश
राजिव नयन धरैधनु सायक।
भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।।
दया अगर लिखने बैठूं!!
तो होते अनुवादित राम
रावण को भी नमन किया (कवि अतहर द्वारा)
ऐसे थे मर्यादित राम
🙏🙏🙏🙏🙏🙏,💐💐💐💐💐💐
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
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