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रोको मत ,जाने दो

4.4
8704

शहर की भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में जब प्यार आवाज़ देता है तो इंसान एक पल को रुकता तो ज़रूर है। सोचता है कि भागना ज़िन्दगी है या ठहर जाना? ऐसे में कोई चुपके से, बिना आहट, दिल में समा जाए तो? फिर क्या हो ...

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लेखक के बारे में
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राजेश कमल
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Roshan Singh
    06 اکتوبر 2016
    अद्भुत बहुत ही शानदार । मोहब्बत बया नही हुई होठों से तो आखो को पढ़ लिया। जता न सकी वो प्यार को तो होठो से भर लिया।
  • author
    19 اگست 2018
    गजब की लेखनी है आपकी अत्यंत सुन्दर
  • author
    nidhi Bansal "Nidhi"
    16 اگست 2018
    सुदंर कथानक
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  • author
    Roshan Singh
    06 اکتوبر 2016
    अद्भुत बहुत ही शानदार । मोहब्बत बया नही हुई होठों से तो आखो को पढ़ लिया। जता न सकी वो प्यार को तो होठो से भर लिया।
  • author
    19 اگست 2018
    गजब की लेखनी है आपकी अत्यंत सुन्दर
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    nidhi Bansal "Nidhi"
    16 اگست 2018
    सुदंर कथानक