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रिश्तों की सुगंध

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यह कहानी मैंने 80 के दशक में लिखी थीं, प्रकाशित भी हुई थी लेकिन तब आज की तरह लव जिहाद सुना भी नहीं था। मन में सिर्फ सामाजिक समरसता की भावना थी। मेरे पाठकों की प्रतिक्रिया मेरे लिए बहुत मायने रखती ...

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लेखक के बारे में
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सुधा आदेश

शिक्षा बी.एस.सी.,एम.ए, बी.एड.,एम.एच.एम; (होमियो.) जन्म 8 फरवरी, 1955 , बरेली ( उत्तर प्रदेश ) गतिविधियाँ : लेखकीय कर्म में संलग्न रहने के साथ साहित्यिक गतिविधियों में भी सक्रिय । स्कूलों द्वारा आयोजित अंतर स्कूल वाद विवाद तथा काव्य प्रतियोगिताओं में निर्णायक के रूप में योगदान, रेडियो स्टेशन से काव्यपाठ का प्रसारण । प्रकाशन : अखिल भारतीय स्तर की पत्रिकाओं एवं अखबारों...नवनीत, सरिता, गृहशोभा, मुक्ता, मेरी सहेली, गृहलक्ष्मी, वनिता, जागरण सखी, खनन भारती, नवभारत, लोकमत समाचार, दैनिक भास्कर, प्रभातखबर आदि में रचनाओं का निरंतर प्रकाशन, अनेक संकलनों में कविताओं का समावेश । कहानी संग्रह -अनाम रिश्ते, माटी की सुगंध, किसी से न कहना, वीरान मन के खंडहर, आत्ममंथन, तलाश जारी है, सजा किसे मिली, जलजला, विश्वास का चीरहरण एवं अन्य कहानियाँ, एक टुकड़ा धूप । काव्य संग्रह- चेतना के स्वर यात्रा वृतांत- कुछ चित्र मन के कैनवास से उपन्यास- अंततः, अपने-अपने कारागृह सम्मान : - मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच भारतवर्ष, दिल्ली द्वारा प्रतिभा रजत सम्मान से सम्मानित ( 2018 ) - मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच भारतवर्ष, दिल्ली द्वारा शतकवीर सम्मान से सम्मानित ( 2016 ) -साहित्यिक एवं सामाजिक प़ित्रका गुफ्तगू द्वारा महिला दिवस पर 2016 में ‘ सुभद्रा कुमारी चैहान ’ पुरस्कार से सम्मानित । -साहित्य सेवा के लिये मनसा पब्लिकेशन लखनऊ के द्वारा ‘ लोपामुद्रा सम्मान-2013 ’ से सम्मानित । -रेल मंत्रालय द्वारा आयोजित रेल यात्रा वृतांत पुरस्कार (2005.2006) में यात्रा वृत्तांत ‘ अनोखा एहसास ’ को प्रथम पुरस्कार । - अखिल भारतीय कविसभा, भूरुकुंडा हजारीबाग द्वारा साहित्य सेवा के लिये बच्चन-शशिकर स्मृति रत्न सम्मान 2005 । - दिल्ली प्रेस द्वारा आयोजित कहानी प्रतियोगिता 2002 में कहानी ‘कड़ुवा सच ’ के लिये सांत्वना पुरस्कार । - महिला संस्कार केन्द्र, नागपुर 1994 में आयोजित लेख प्रतियोगिता में लेख ‘ सुव्यवस्था घर की शोभा है ’ को प्रथम पुरस्कार । - सरस्वती पुस्तकालय, बलिया द्वारा 1968 में बालकवियों के लिये आयोजित प्रतियोगिता में कविता ‘ एक पुष्प ’ को सांत्वना पुरस्कार ।

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  • author
    Pooja Tailor
    09 मार्च 2021
    हिंदुओ की लड़कियां जब मुसलमान से शादी कर लेती है तो वो सिर्फ कुछ दिन ही उनको ठीक रखते है बाद में धर्म परिवर्तन करने पर जोर देते है और ऐसा नही करने पर उनको जिंदा जला दिया जाता है यह सिर्फ कहानी में ही अच्छा लगता है हक्कीत में तस्वीर भयावह हो जाती है कहानी में आपने हिन्दू लड़की की शादी मुसलमान से करवाई कभी मुस्लिम लड़की की शादी हिन्दू लड़के से करवाओ ।कहानिया लिखों लेकिन इस तरह की नही जिसमें हिन्दू का मजाक बन रहा हो अपने धर्म का सम्मान कीजिये।
  • author
    pankaj Agarwal "Jalaj"
    09 जुलाई 2020
    मैंने मुस्लिम समाज को बहुत करीब से देखा है ये कहानी तक ही अच्छे है । बहुत पढ़े लिखे भी अपने समाज का विरोध नहीं कर पाते दकियानूसी हो जाते है "अलतकिया "से शायद आप वाफिक नहीं है नेट पर सर्च कर सकती हैं।काश की हर व्यक्ति कलामजी हो जाता। सकारात्मक रचना🙏
  • author
    Jai Bihar Jai hind
    07 अगस्त 2020
    bekar hinduo ko nicha dikhaya jaa raha hai
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    Pooja Tailor
    09 मार्च 2021
    हिंदुओ की लड़कियां जब मुसलमान से शादी कर लेती है तो वो सिर्फ कुछ दिन ही उनको ठीक रखते है बाद में धर्म परिवर्तन करने पर जोर देते है और ऐसा नही करने पर उनको जिंदा जला दिया जाता है यह सिर्फ कहानी में ही अच्छा लगता है हक्कीत में तस्वीर भयावह हो जाती है कहानी में आपने हिन्दू लड़की की शादी मुसलमान से करवाई कभी मुस्लिम लड़की की शादी हिन्दू लड़के से करवाओ ।कहानिया लिखों लेकिन इस तरह की नही जिसमें हिन्दू का मजाक बन रहा हो अपने धर्म का सम्मान कीजिये।
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    pankaj Agarwal "Jalaj"
    09 जुलाई 2020
    मैंने मुस्लिम समाज को बहुत करीब से देखा है ये कहानी तक ही अच्छे है । बहुत पढ़े लिखे भी अपने समाज का विरोध नहीं कर पाते दकियानूसी हो जाते है "अलतकिया "से शायद आप वाफिक नहीं है नेट पर सर्च कर सकती हैं।काश की हर व्यक्ति कलामजी हो जाता। सकारात्मक रचना🙏
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    Jai Bihar Jai hind
    07 अगस्त 2020
    bekar hinduo ko nicha dikhaya jaa raha hai