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रिश्तों का तराजु...😊

4.9
21

इस जीवन के दौर मे कभी भी रिश्तों को न तौले। क्योंकि कौनसा रिश्ता कब काम आ जाये कोई नही जानता। बात उस समय हैं जब मेरे नानाजी और नानी के यहाँ एक बेटी का जन्म हुआ बहुत खुश थे मेरे नानाजी और नानी और उनका ...

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लेखक के बारे में
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V!$#@|_ जी...❣️😊

◆ जीवन एक प्रश्न हैं और हम इसे कैसे जीते है यही हमारा उत्तर हैं..✍🏻 ◆ये ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत हैं बस इसे देखने का नजरिया हमेशा सकारात्मक होना चाहिए👌😊 ◆ मुझे बहुत रुचि हैं बच्चो के साथ खेलने में जिसमे मेरी प्यारी बेटी मेरे जीवन में बहुत रंग भरती है उसके अलावा किताबे पढ़ना,गाने सुनना, और ओशो को मैं सुनना काफी पसंद करता हूं क्योंकि वो जीवन को जीना और पढ़ना दोनों सिखाते है

समीक्षा
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  • author
    आशा रानी शरण
    10 अक्टूबर 2020
    सही कहा आपने रिश्तो को तोड़ने का कोई तराजू नहीं होता बहुत बढ़िया संस्मरण प्रस्तुत किया है आपने मम्मी को लेकर बहुत भावनात्मक मुझे बहुत अच्छी लगी विशाल ज्योति जी धन्यवाद नमस्कार। अगर समय मिले तो मैंने भी लिखा है सौतेला भाई अवश्य पढ़िए गा|
  • author
    10 अक्टूबर 2020
    बहुत सही कहा सर,, जो रिश्ते निभाना जानते हैं वो हमेशा एक जैसे ही रहते हैं,,, 💐💐चाचा के बेटे हों मामा के वो कभी सौतेले नहीं होते
  • author
    Rajni Katare
    11 अक्टूबर 2020
    बहुत सही कहा आपने, "भाई हो तो ऐसा" मेरी रचना सत्य घटना है 🙏💐👍
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    आशा रानी शरण
    10 अक्टूबर 2020
    सही कहा आपने रिश्तो को तोड़ने का कोई तराजू नहीं होता बहुत बढ़िया संस्मरण प्रस्तुत किया है आपने मम्मी को लेकर बहुत भावनात्मक मुझे बहुत अच्छी लगी विशाल ज्योति जी धन्यवाद नमस्कार। अगर समय मिले तो मैंने भी लिखा है सौतेला भाई अवश्य पढ़िए गा|
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    10 अक्टूबर 2020
    बहुत सही कहा सर,, जो रिश्ते निभाना जानते हैं वो हमेशा एक जैसे ही रहते हैं,,, 💐💐चाचा के बेटे हों मामा के वो कभी सौतेले नहीं होते
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    Rajni Katare
    11 अक्टूबर 2020
    बहुत सही कहा आपने, "भाई हो तो ऐसा" मेरी रचना सत्य घटना है 🙏💐👍