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रिश्ते की नीव

4.3
16549

आज पल्लवी को लड़के वाले देखेने आ रहे थे | ऐसा तीसरी बार हो रहा था | इससे पहले भी दो बार लड़के वाले आकर उसकी नुमाइश कर नापसंद कर जा चुके थे | उसे नफरत हो चुकी थी , इस दिखावे से | “किस तरह से एक बेटी के ...

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लेखक के बारे में
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रेनू सिंघल
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    डा. मनसा पाण्डेय
    27 अक्टूबर 2017
    kash ysa sach hota.sapna acha hai
  • author
    Sandeep Kumar Singh
    20 अक्टूबर 2017
    बहुत साधारण शब्दों में बहुत महत्वपूर्ण और बड़ा संदेश। बाहरी सुंदरता वक़्त के साथ ढल जाती है। आंतरिक सुंदरता सदैव बढ़ती रहती है। मुझे ये कहने बहुत पसंद आई रेनू जी। भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं। धन्यवाद।
  • author
    अमित सिंघल
    03 अक्टूबर 2017
    एक उत्कृष्ट रचना. एक प्रश्न भी. इस रचना के साथ संपादक को एक ब्लॉन्ड (गोरी) विदेशी महिला की फोटो लगाने की क्या आवश्यकता थी?
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    डा. मनसा पाण्डेय
    27 अक्टूबर 2017
    kash ysa sach hota.sapna acha hai
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    Sandeep Kumar Singh
    20 अक्टूबर 2017
    बहुत साधारण शब्दों में बहुत महत्वपूर्ण और बड़ा संदेश। बाहरी सुंदरता वक़्त के साथ ढल जाती है। आंतरिक सुंदरता सदैव बढ़ती रहती है। मुझे ये कहने बहुत पसंद आई रेनू जी। भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं। धन्यवाद।
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    अमित सिंघल
    03 अक्टूबर 2017
    एक उत्कृष्ट रचना. एक प्रश्न भी. इस रचना के साथ संपादक को एक ब्लॉन्ड (गोरी) विदेशी महिला की फोटो लगाने की क्या आवश्यकता थी?