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ऋषि मार्कण्डेय

4.9
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मार्कण्डेय ऋषि का जन्म तो मात्र सोलह वर्ष कि आयु ही भाग्य में लेकर हुआ था, लेकिन भगवान भोले शंकर पर अपनी भक्ति और श्रद्धा के बल पर वे चिरंजीवी हो गए। महर्षि भृगु के परिवार में जन्में और भगवान शिव और ...

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लेखक के बारे में
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Ashutosh Malviya

जब पता चलेगा तो बताएंगे खुद के बारे में, अभी तो कलम उठाई है 😊

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Anil Malviya
    26 दिसम्बर 2020
    Gyanvardhak Rachna Bholenath ki mahima aprampar hai ❤❤
  • author
    Anshu Vashisht
    26 दिसम्बर 2020
    सच मे नतमस्तक नमन आपको जो आजकल के बच्चों को नहीं पता उस संस्कृति को रिसर्च करके उनके सामने लाना सच मे एक बहुत ही कठिन कार्य है सच मे आपकी कलम और संस्कृति के प्रति समर्पण की भावना दिखती है आपकी कहानी में। अब बात कहानी की की जाए तो मार्कण्डेय ऋषि की जन्म कथा से लेकर उनके गुणों की खान होने और शिव महिमा का बखान बहुत ही सुन्दर तरीके से किया है आपने। बहुत खूबसूरत लेखन ।
  • author
    30 दिसम्बर 2020
    बहुत ही उत्कृष्ट जानकारी आपने हम पाठकों तक पहुंचाई ऋषि मार्कंडेय जी के बारे में आपने जो लिखा बहुत ही बढ़िया 16 वर्ष आयु वाला बालक चिरायु होने की जो कथा है यह तो अद्भुत है आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
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    Anil Malviya
    26 दिसम्बर 2020
    Gyanvardhak Rachna Bholenath ki mahima aprampar hai ❤❤
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    Anshu Vashisht
    26 दिसम्बर 2020
    सच मे नतमस्तक नमन आपको जो आजकल के बच्चों को नहीं पता उस संस्कृति को रिसर्च करके उनके सामने लाना सच मे एक बहुत ही कठिन कार्य है सच मे आपकी कलम और संस्कृति के प्रति समर्पण की भावना दिखती है आपकी कहानी में। अब बात कहानी की की जाए तो मार्कण्डेय ऋषि की जन्म कथा से लेकर उनके गुणों की खान होने और शिव महिमा का बखान बहुत ही सुन्दर तरीके से किया है आपने। बहुत खूबसूरत लेखन ।
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    30 दिसम्बर 2020
    बहुत ही उत्कृष्ट जानकारी आपने हम पाठकों तक पहुंचाई ऋषि मार्कंडेय जी के बारे में आपने जो लिखा बहुत ही बढ़िया 16 वर्ष आयु वाला बालक चिरायु होने की जो कथा है यह तो अद्भुत है आपका बहुत-बहुत धन्यवाद