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रिक्शावाला (मेरी प्रकाशित कविता )

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रिक्शावाला नसीब ने छोड़ा ऐसे पथ पर मेरा मुकद्दर है सड़क पर, मेरी मंजिल की किसे परवाह कभी पैर रुक जाएंगे थककर, हर वो रास्ता मेरा बसेरा राहगीर गुजरते जिस पथ पर, रास्तो पर चलना है दुस्कर पर दौड़ना तो ...

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लेखक के बारे में
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अमरजीत कुमार
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    11 दिसम्बर 2019
    बहोत खूबसूरत रचना है
  • author
    अनीता जैन
    14 दिसम्बर 2019
    बेहतरीन रचना
  • author
    11 दिसम्बर 2019
    उत्तम रचना!
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    11 दिसम्बर 2019
    बहोत खूबसूरत रचना है
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    अनीता जैन
    14 दिसम्बर 2019
    बेहतरीन रचना
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    11 दिसम्बर 2019
    उत्तम रचना!