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रेत

4.2
47218

बायीं दीवार पर एक लकड़ी का मंदिर नुमा बक्सा लगा था, जो हल्के कपडे के परदे से ढँका हुआ था| मंदिर के अन्दर कौन सी मूर्ति या तस्वीर थी पता नहीं। पर जो भी रहा हो उस भगवान को इस कमरे में होने वाली बातो ...

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समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Komal Patel
    13 जुन 2020
    अगर ये अपना जिस्म बेच कर किसी की प्यास बुझाती है तभी तो कुछ लड़कियां बच पाती है किसी अनहोनी के होने से....... पर हमारी बॉलीवुड की हीरोइने ही कुछ हद तक जिम्मेदार है इन होने वाली घटनाओ का (बलात्कार, एसिड अटैक) अगर फिल्मे साफ सुथरी बने तो..........
  • author
    बीनू भटनागर
    30 मे 2017
    कहानी इसे कहते हैं......... वाह
  • author
    Hakim Lal
    30 मे 2017
    रेत को जल ही समेट सकता है ।
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    Komal Patel
    13 जुन 2020
    अगर ये अपना जिस्म बेच कर किसी की प्यास बुझाती है तभी तो कुछ लड़कियां बच पाती है किसी अनहोनी के होने से....... पर हमारी बॉलीवुड की हीरोइने ही कुछ हद तक जिम्मेदार है इन होने वाली घटनाओ का (बलात्कार, एसिड अटैक) अगर फिल्मे साफ सुथरी बने तो..........
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    बीनू भटनागर
    30 मे 2017
    कहानी इसे कहते हैं......... वाह
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    Hakim Lal
    30 मे 2017
    रेत को जल ही समेट सकता है ।