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जीवन का असली धन

4.4
257

पैसे तो बहुत कमा लिए , कभी पुण्य भी तो कमा पेट तो बहुत भर लिया, कभी भूखे को तो खिला बद्दुवायें बहुत ले ली, किसी की दुआएं भी तो ला देश तो बहुत घूम लिए , माँ बाप को तो ...

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लेखक के बारे में
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Pradeep Premgiri Nautitiyal

कवि, लेखक एवं समाजसेवी

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    14 नवम्बर 2018
    सुंदर भाई
  • author
    अनुराधा चौहान
    14 नवम्बर 2018
    बहुत सुंदर
  • author
    Anu Shukla
    13 नवम्बर 2018
    ati sundar
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    14 नवम्बर 2018
    सुंदर भाई
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    अनुराधा चौहान
    14 नवम्बर 2018
    बहुत सुंदर
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    Anu Shukla
    13 नवम्बर 2018
    ati sundar