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रजाई

4.2
26495

मंजुला जीवन के मधुमास अर्थात सोलहवें वर्ष में प्रवेश कर रही थी |जैसे ऋतुओं का मधुमास ..समस्त वातावरण, जीव जन्तु ,पशु पक्षी ,नर नारी ,सभी को मदमस्त कर देता है ,उसी प्रकार आयु का ये मधुमास ...

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लेखक के बारे में
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रिफ़अत शाहीन

रिफ़अत शाहीन का बचपन ही साहित्यिक परिवेश में बीता, नाना उर्दू के प्रख्यात साहित्यकार रहे , पिता प्रख्यात शायर.. माँ और नानी भी लेखन से जुडी रहीं । ऐसे में लेखिका ने बालवय में ही लिखना शुरू कर दिया । 10 वर्ष की आयु में लेखिका की पहली पुस्तक...बूझो तो जाने ..हिंदी उर्दू दोनों भाषा में प्रकाशित हुई। फिर तो लेखन को एक गति मिल गई ...18 वर्ष की आयु में एक पुस्तक., . औरत कमज़ोर नही, प्रकाशित हुई ..फिर लेखिका रेडियो और दूरदर्शन से जुड़ीं, थियेटर और फ़िल्म लेखन भी जारी है, अम्रर उजाला पत्र में भी लिखतीं रही, विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में लिखा , वर्तमान में एक अख़बार में ब्यूरो होने के साथ,साथ एक मासिक पत्रिका की सम्पादक, और मान्यता प्राप्त पत्रकार भी है । उर्दू अकेडमी उत्तर प्रदेश से एक नॉवेल...एक और अमीरन ..2016 में प्रकाशित हुई, एक नॉवेल ...गुलनार लोधी प्रेस में है, हिंदी संस्थान की पत्रिका साहित्य भारती में भी रचनाये प्रकाशित होती रहती है, सरस्वती सुमन, सृजन सरोकार, साहित्य सृजन ,और अन्य मासिक पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं,।

समीक्षा
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  • author
    Abhishek gupta
    28 সেপ্টেম্বর 2018
    समझ नही आ रहा क्या प्रतिकिया दूँ ? एक तरफ एक लड्की की मासूमियत भोलापन।दूसरी तरफ उसकी इज्जत तार तार करता हैवान। भावनाए अच्छी है लेखिका की लेकिन सहित्य की भाषा यहा मस्तराम जैसी हो गई है
  • author
    Sushant Mukhi "Sushant raj mukhi"
    27 সেপ্টেম্বর 2020
    कहानी की कैरेक्टर एक आलसी सी लड़की प्रतीत हुई जिसे हरदम रजाई ओढ़ सोना पसंद है जो कि असल जीवन मे ऐसे कैरेक्टर नही होंगे जो कंही शादी में भी दिलचस्पी न ले कर कंही कमरे में सोती रहे । रजाई को एक तरह से भाव के रूप इस्तेमाल किया गया है लेखिका के जरिए । क्योंकि एक बलात्कार को घटित होता दर्शाना था शायद इसीलिए कहानी में हर तरफ रजाई रजाई की गई । यंहा रजाई को अंत में एक बलात्कारी के साथ जोड़ना था । यौवन के नशे में चूर पुरुष हर तरफ यौवन ढूंढता है खास कर शादियों और महफिलों के मौकों पर इस तरफ की नज़रे घूमती रहती है लड़कियों पर। मौका मिलते ही चौका मार देने के फिराक में रहते है । यंहा भी यही हुआ रजत नामक व्यक्ति ने मौके पे चौका मार दिया । कहानी का सार इतना है कि एक कमरे में अकेली लड़की हो और लोगो को सुध न हो तो उस लड़की की इज़्ज़त लुट सकती है । इसी को दिखाने के प्रयास में रजाई प्रेम को बुना गया। बात की जाए बलात्कार के वक़्त को शब्दों में पिरोने की तो लेखिका ने सम्भोग को अच्छी तरह से शब्दों के जरिये ही समझाने का उतेजित लिहाज से प्रयास किया है । ऐसे लिखना हर लेखक के बस की बात नही होती है क्योंकि अक्सर कहानी के लेखन को पाठक कहानी के लेखक का चरित्र मान लेते है । जाहिर सी बात है अगर सम्भोग को शब्दों में जाहिर करना हो तो अच्छे उदाहरण वाले शब्दों के साथ लिखना पड़ता है वरना कोई सिर्फ बलात्कार हुआ लिख कर भी कहानी खत्म कर सकता है । 4 स्टार केवल इसलिए क्योंकि कहानी का अंत दुखद था हालांकि लेखिका को जो मेसज देना था वो इतने में शामिल था शायद इसलिए आगे नही लिखा गया । उस हैवान के खिलाफ । लेकिन मुझे रजाई प्रेम ने थोड़ा irritate किया मेरे दिमाग का रजाई कर दिया इसलिए 4 वरना 5 देता ।
  • author
    Garima Singh
    31 মে 2018
    everybody has said such nice things.....but I really dint like it.....who speaks like these chracters do....total naatak tha bhai...
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    Abhishek gupta
    28 সেপ্টেম্বর 2018
    समझ नही आ रहा क्या प्रतिकिया दूँ ? एक तरफ एक लड्की की मासूमियत भोलापन।दूसरी तरफ उसकी इज्जत तार तार करता हैवान। भावनाए अच्छी है लेखिका की लेकिन सहित्य की भाषा यहा मस्तराम जैसी हो गई है
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    Sushant Mukhi "Sushant raj mukhi"
    27 সেপ্টেম্বর 2020
    कहानी की कैरेक्टर एक आलसी सी लड़की प्रतीत हुई जिसे हरदम रजाई ओढ़ सोना पसंद है जो कि असल जीवन मे ऐसे कैरेक्टर नही होंगे जो कंही शादी में भी दिलचस्पी न ले कर कंही कमरे में सोती रहे । रजाई को एक तरह से भाव के रूप इस्तेमाल किया गया है लेखिका के जरिए । क्योंकि एक बलात्कार को घटित होता दर्शाना था शायद इसीलिए कहानी में हर तरफ रजाई रजाई की गई । यंहा रजाई को अंत में एक बलात्कारी के साथ जोड़ना था । यौवन के नशे में चूर पुरुष हर तरफ यौवन ढूंढता है खास कर शादियों और महफिलों के मौकों पर इस तरफ की नज़रे घूमती रहती है लड़कियों पर। मौका मिलते ही चौका मार देने के फिराक में रहते है । यंहा भी यही हुआ रजत नामक व्यक्ति ने मौके पे चौका मार दिया । कहानी का सार इतना है कि एक कमरे में अकेली लड़की हो और लोगो को सुध न हो तो उस लड़की की इज़्ज़त लुट सकती है । इसी को दिखाने के प्रयास में रजाई प्रेम को बुना गया। बात की जाए बलात्कार के वक़्त को शब्दों में पिरोने की तो लेखिका ने सम्भोग को अच्छी तरह से शब्दों के जरिये ही समझाने का उतेजित लिहाज से प्रयास किया है । ऐसे लिखना हर लेखक के बस की बात नही होती है क्योंकि अक्सर कहानी के लेखन को पाठक कहानी के लेखक का चरित्र मान लेते है । जाहिर सी बात है अगर सम्भोग को शब्दों में जाहिर करना हो तो अच्छे उदाहरण वाले शब्दों के साथ लिखना पड़ता है वरना कोई सिर्फ बलात्कार हुआ लिख कर भी कहानी खत्म कर सकता है । 4 स्टार केवल इसलिए क्योंकि कहानी का अंत दुखद था हालांकि लेखिका को जो मेसज देना था वो इतने में शामिल था शायद इसलिए आगे नही लिखा गया । उस हैवान के खिलाफ । लेकिन मुझे रजाई प्रेम ने थोड़ा irritate किया मेरे दिमाग का रजाई कर दिया इसलिए 4 वरना 5 देता ।
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    Garima Singh
    31 মে 2018
    everybody has said such nice things.....but I really dint like it.....who speaks like these chracters do....total naatak tha bhai...