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रावण का आक्रोश

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यह रचना महान कवि डॉ नरेश कात्यायन जी की है। मैंने इसे अपने संकलन लिये रखा है। और प्रतिलिपि के पाठकों तक पहुंचाने के लिये आशा है आप सभी को भी पसन्द आएगी। कविता का शीर्षक है। रावण का आक्रोश ...

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लेखक के बारे में

I am an Automobile Technician at Ministry of Defence, Govt. of India

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    17 ഒക്റ്റോബര്‍ 2021
    उत्कृष्ट सृजन 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 निशब्द कर दिया इन शब्दों ने कोटि कोटि नमन रचनाकार को 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 मैं भी इसे शेयर करना चाहती हूं 🙏🏻
  • author
    Savita Sharti
    16 ഒക്റ്റോബര്‍ 2021
    रावण का बहुत सुंदर कथन,हे राम तुम मुझे कितनी बार मारोगे,बहुत पापी हैं यहां उनका भी संहार करो बहुत सुंदर रचना बहुत बहुत शुभकामनाऐ।
  • author
    Asha garg
    15 ഒക്റ്റോബര്‍ 2021
    behad khubsurat shandar prastuti
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    17 ഒക്റ്റോബര്‍ 2021
    उत्कृष्ट सृजन 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 निशब्द कर दिया इन शब्दों ने कोटि कोटि नमन रचनाकार को 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 मैं भी इसे शेयर करना चाहती हूं 🙏🏻
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    Savita Sharti
    16 ഒക്റ്റോബര്‍ 2021
    रावण का बहुत सुंदर कथन,हे राम तुम मुझे कितनी बार मारोगे,बहुत पापी हैं यहां उनका भी संहार करो बहुत सुंदर रचना बहुत बहुत शुभकामनाऐ।
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    Asha garg
    15 ഒക്റ്റോബര്‍ 2021
    behad khubsurat shandar prastuti