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रात के हमसफ़र

4.4
24772

राजधानी एक्सप्रेस जब साबरमती पर रुकी तो सुबह हो चुकी थी! सूरज कब का निकल चुका था! सुबह की गुनगुनी धूप अभी इतनी तेज़ तो नहीं थी कि उसकी गर्मी बेचैनी बढ़ा सके। पर पूरी बाजू वाले उस सूट में थोड़ी ...

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लेखक के बारे में
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अंजू शर्मा

नाम : अंजू शर्मा पता : दिल्ली ईमेल : [email protected] परिचय : दिल्ली में जन्म और रिहाइश, मूलतः राजस्थान से! स्वतंत्र लेखन! प्रकाशन : पिछले कई वर्षों से सभी प्रतीक्षित पत्र-पत्रिकाओं और ब्लोग्स में वर्षों से कविताओं, कहानियों, लेखों, रिपोर्टों का प्रकाशन! 30 से अधिक कहानियां प्रकाशित। अनुवाद : पंजाबी, उर्दू, गुजराती, मराठी, राजस्थानी, भोजपुरी, नेपाली, उडिया आदि भाषाओँ में कविताओं का अनुवाद! परिकथा में 2015 में प्रकाशित कहानी 'आज शाम है बहुत उदास' पंजाबी और उर्दू में अनूदित हुई! जनसत्ता में 2016 प्रकाशित कहानी 'पत्ता टूटा डाल से' के पंजाबी अनुवाद की अनुमति ली गई। पहली कहानी 'गली नंबर दो' का Norwich Writers Centre में अनुवाद लेखकों के लिए अंग्रेजी में अनूदित अंश का शोकेस बुकलेट के तौर पर प्रस्तुतिकरण। संवेदन में 2016 में प्रकाशित कहानी ‘छत वाला कमरा और इश्क़ वाला लव’ का प्रतिलिपि के "ट्रांसलेशन चैलेन्ज प्रोजेक्ट” के अंतर्गत गुजराती और तमिल भाषाओँ में अनुवाद के लिए चयन! पुरस्कृत कहानियां : कहानी 'समयरेखा' स्टोरीमिरर से पुरस्कृत। कहानी 'बन्द खिड़की खुल गई' प्रतिलिपि द्वारा आलोचक द्वारा चुनी गई कहानियों में शामिल। कहानी “रात के हमसफ़र’ जयपुर में कलमकार सम्मान 2018 के सांत्वना पुरस्कार के लिए चुनी गई! कविता 'बेटी के लिए' चीन के 'क्वांगचो हिंदी विश्वविद्यालय, क्वांगचो, चीन' में स्नातक स्तर के पाठकों के लिए पाठ्यक्रम में पढाई जा रही है! पुस्तकें: दो कविता संग्रह, तीन कहानी संग्रह और दो।लघु उपन्यास प्रकाशित पुरस्कार *'इला त्रिवेणी सम्मान 2012' से सम्मानित। *'राजीव गाँधी एक्सीलेंस अवार्ड 2013' से सम्मानित *स्त्री शक्ति सम्मान 2014 से सम्मानित *कविता संग्रह 'कल्पनाओं से परे का समय' के लिए 2015 में 'राजेन्द्र बोहरा कविता पुरस्कार 2014' द्वारा जयपुर में सम्मानित

समीक्षा
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  • author
    Prisha Varma
    31 अक्टूबर 2020
    सचमुच ... पहली बार मन को अच्छा लगा #प्रतिलिपि के आंगन में आकर यूँ तो अक्सर इधर से गुज़र जाता हूँ लेकिन अंजू शर्मा ने " रात के हमसफ़र " में स्निग्ध शब्दों की लड़ी में पिरोयी गई इस रचना को यादगार बना दिया 💐💐💐
  • author
    Ajit
    18 सितम्बर 2018
    Aapki Akshra to Kamaal ki nikli Anju ji , wah kya khub kahani hai. Thank you 👏👏👏
  • author
    Disha Naik
    06 दिसम्बर 2018
    कोरे पन्नों को कुछ लफ्ज़ मिल जाए... खोये हुए लम्हें काश फिर आ जाये.... -Disha☺ awesome story... concept is so unique... ☺ is this ur real story....??
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    Prisha Varma
    31 अक्टूबर 2020
    सचमुच ... पहली बार मन को अच्छा लगा #प्रतिलिपि के आंगन में आकर यूँ तो अक्सर इधर से गुज़र जाता हूँ लेकिन अंजू शर्मा ने " रात के हमसफ़र " में स्निग्ध शब्दों की लड़ी में पिरोयी गई इस रचना को यादगार बना दिया 💐💐💐
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    Ajit
    18 सितम्बर 2018
    Aapki Akshra to Kamaal ki nikli Anju ji , wah kya khub kahani hai. Thank you 👏👏👏
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    Disha Naik
    06 दिसम्बर 2018
    कोरे पन्नों को कुछ लफ्ज़ मिल जाए... खोये हुए लम्हें काश फिर आ जाये.... -Disha☺ awesome story... concept is so unique... ☺ is this ur real story....??