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रश्मिरथी तृतीय सर्ग रामधारी सिंह दिनकर

4.8
1966

रश्मिरथी तृतीय सर्ग मैत्री की राह बताने को, सबको सुमार्ग पर लाने को ,दुर्योधन को समझाने को, भीषण विध्वंस बचाने को, भगवान् हस्तिनापुर आये, पांडव का संदेशा लाये। 'दो न्याय अगर तो आधा दो, पर, ...

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लेखक के बारे में
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एक कवि

एक कवि के रूप में एक सक्रिय पत्रकार के रूप में CBSE दिल्ली से मैट्रिक तथा इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण , दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी विशेष से स्नातक की पढ़ाई जारी है , दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई , " लोकबात " न्यूज़ चैनल में कार्यरत युवा वर्ग में नई चेतना के साथ , आधुनिक जीवन का आधुनिक लेखक,

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    VK Thakur
    25 जनवरी 2020
    निःशब्द हूं मैं इस कविता को पढ कर.
  • author
    yogesh jangir
    04 दिसम्बर 2019
    चमत्कारिक संपूर्ण कविता
  • author
    Aditya Mishra CARIBBEAN
    04 फ़रवरी 2020
    really outstanding
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  • author
    VK Thakur
    25 जनवरी 2020
    निःशब्द हूं मैं इस कविता को पढ कर.
  • author
    yogesh jangir
    04 दिसम्बर 2019
    चमत्कारिक संपूर्ण कविता
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    Aditya Mishra CARIBBEAN
    04 फ़रवरी 2020
    really outstanding