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रण्डी !

4.8
203

'रण्डी '          नवल जब भी कोई औरत! पा जाती है शौहरत! फहराती है झण्डा! और छू लेती है बुलंदी! पुरुषों की भाषा में! बन जाती है 'रण्डी'! कभी तस्लीमा को तो, कभी दीपिका पादुकोण, कभी प्रियंका गांधी ...

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लेखक के बारे में

साहित्य,शिक्षा, कानून और सामाजिक सरोकारों के क्षेत्र में विशेष रुचि। पिछले 25 वर्षों से वंचित और हाशिए पर धकेल दिए गए व्यक्तियों के लिए विभिन्न परियोजनाओं के साथ जुड़कर कार्य कर रहा हूं। वर्तमान में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए EDUCATE GIRLS संस्था के साथ सीनियर कंटेंट एक्सपर्ट के रूप में कार्यरत हूं। लेखन और पठन में स्कूली जीवन से ही सलग्न हूं। चर्चाओं और संवाद में जुड़ने को सदैव उत्सुक रहता हूं। मूल जन्म स्थान बारां जिले के मांगरोल कस्बा में है| पिछले 25 से ज्यादा वर्षों से जयपुर,राजस्थान का स्थायी निवासी हूँ | संपर्क -9828185168 https://amzn.eu/d/hK4SAwV

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Manju soni
    09 मार्च 2023
    nice poetry
  • author
    Singh Pams
    13 फ़रवरी 2024
    बहुत ही सुन्दर विचारों को दर्शातीं हुईं रचना है आपकी ऐसे ही लिखते रहिए 💚💚💛💛💚✍️🙏🩵🩵🩵🪴🎁🎁🎁🎁
  • author
    Ranjana Gupta "ranjanawrites"
    06 जून 2023
    हमारे देश में पुरुषो को बहन बेटियों के आगे बढने से प्रोब्लम होती है
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    Manju soni
    09 मार्च 2023
    nice poetry
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    Singh Pams
    13 फ़रवरी 2024
    बहुत ही सुन्दर विचारों को दर्शातीं हुईं रचना है आपकी ऐसे ही लिखते रहिए 💚💚💛💛💚✍️🙏🩵🩵🩵🪴🎁🎁🎁🎁
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    Ranjana Gupta "ranjanawrites"
    06 जून 2023
    हमारे देश में पुरुषो को बहन बेटियों के आगे बढने से प्रोब्लम होती है