pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

रामायण आरती

4.5
2636

आरति श्रीरामायनजी की। कीरति कलित ललित सिय पी की॥ गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद। बालमीक बिग्यान-बिसारद॥ सुक सनकादि सेष अरु सारद। बरनि पवनसुत कीरति नीकी॥१॥ गावत बेद पुरान अष्टदस। छहो सास्त्र सब ग्रन्थन को ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

मूल नाम : गोस्वामी तुलसीदास(मूलनाम: रामबोला) जन्म : 9 सितंबर 1497, राजापुर(चित्रकूट, उत्तर प्रदेश) देहावसान : 7 जनवरी 1623, असि घाट, वाराणसी(उत्तर प्रदेश) भाषा : हिन्दी, अवधी, संस्कृत विधाएँ : दोहे, छंद, चौपाई गोस्वामी तुलसीदास भारत के सबसे प्रसिद्ध रचनाकारों में से एक हैं, उनकी कालजयी रचना 'राम चरित मानस' जो कि वाल्मीकि कृत 'रामायण' का अवधी भाषांतर है हिन्दुओं में बड़े चाव से पड़ा जाता है। तुलसीदास को कुछ लोग वाल्मीकि का अवतार भी मानते हैं जिसकी वजह से उनका एक उपनाम अभिनव-वाल्मीकि भी है। तुलसीदास भगवान श्रीराम के परम भक्त थे एवं उन्होने राम चरित मानस के अलावा विनय-पत्रिका, कवितावली, गीतावली जैसी अनेक प्रतिष्ठित रचनाओं का सृजन भी किया है।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Manjit Singh
    25 जून 2020
    brijbhasha ki aarti bahut pasand aai. mei to brijbhasha ka aashik rasia aur shikshak hu
  • author
    Ramji Bhartia
    09 मई 2017
    Jay Sitaram
  • author
    Vinay S Bhatnagar
    03 मई 2018
    Ramayan ji ki jai.-Vinay
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Manjit Singh
    25 जून 2020
    brijbhasha ki aarti bahut pasand aai. mei to brijbhasha ka aashik rasia aur shikshak hu
  • author
    Ramji Bhartia
    09 मई 2017
    Jay Sitaram
  • author
    Vinay S Bhatnagar
    03 मई 2018
    Ramayan ji ki jai.-Vinay