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रखैल -लघु कथा // short story / Rakhail

4.3
2358

"यदि मैं पहलवान की रखैल ना बनती तो पूरे गाँव की बनती।

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लेखक के बारे में

मैं मुकेश शेषमा, छोटे से गाँव के मध्यमवर्गीय परिवार में उत्पन्न ! लिखने का जन्म से ही शौक रहा ! मैं यहां कुछ अच्छा उपलबध कराने का एक छोटा सा प्रयास कर रहा हूँ ! मेरी रचना कैसी लगी को समीक्षा के माध्यम से मुझे अवगत कराते रहे ! तमन्नाएं उम्र भर कम नही होंगी, समस्याएँ भी कभी हल नही होंगी ! इसी उम्मीद पर हम जी गये वर्षों, मुश्किलें जो आज़ है, कल नही होंगी ! [email protected]

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    priyanka
    15 जनवरी 2019
    Superb
  • author
    Ruchi Gopal ""Ruchir""
    01 फ़रवरी 2019
    समाज में रहने वाले गिद्ध रूपी इंसानो से स्वयं की रक्षा की बसंती ने और मुझे किसी ने हाथ तक नही लगाया यह कह कर पहलवान के सद्चरित्र का परिचय दिया उसने।बहुत अच्छी कहानी
  • author
    Naresh Bokan Gurjar
    15 जनवरी 2019
    bhut khub
  • author
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    priyanka
    15 जनवरी 2019
    Superb
  • author
    Ruchi Gopal ""Ruchir""
    01 फ़रवरी 2019
    समाज में रहने वाले गिद्ध रूपी इंसानो से स्वयं की रक्षा की बसंती ने और मुझे किसी ने हाथ तक नही लगाया यह कह कर पहलवान के सद्चरित्र का परिचय दिया उसने।बहुत अच्छी कहानी
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    Naresh Bokan Gurjar
    15 जनवरी 2019
    bhut khub