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रकसपुर

4.4
1464

उग्रवादियों से रात के अंधेरे में आमने-सामने की लड़ाई की कहानी, जब हथियार से ज्यादा हौसला काम आया।

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लेखक के बारे में
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नीरज नीर

मैं एक कवि एवं कहानीकार हूँ . मुझे अच्छा पढ़ना भी खूब भाता है . प्रकाशित काव्य संकलन : "जंगल में पागल हाथी और ढोल" , "पीठ पर रोशनी" कहानी संकलन : "ढुकनी एवं अन्य कहानियाँ" . सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में सैकड़ों कवितायें एवं दर्जनों कहानियाँ प्रकाशित। सृजनलोक कविता सम्मान, प्रथम महेंद्र प्रताप स्वर्ण साहित्य सम्मान, ब्रजेन्द्र मोहन स्मृति साहित्य सम्मान, सूरज प्रकाश मारवाह साहित्य रत्न आदि से सम्मानित ।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Vikas Jaiswal
    14 জুন 2020
    jai jawaan
  • author
    Om shri Singh
    29 ডিসেম্বর 2019
    जय हिंद
  • author
    Neeraj Geek
    20 নভেম্বর 2020
    aisa lga jese sb kuch samne hi ho raha , salute to indian army 🇮🇳🇮🇳
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  • author
    Vikas Jaiswal
    14 জুন 2020
    jai jawaan
  • author
    Om shri Singh
    29 ডিসেম্বর 2019
    जय हिंद
  • author
    Neeraj Geek
    20 নভেম্বর 2020
    aisa lga jese sb kuch samne hi ho raha , salute to indian army 🇮🇳🇮🇳