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रहिमन धागा प्रेम का

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रहिमन धागा प्रेम का, ना दियो बढ़ाय उलझे से फिर ना सुलझे, फिर c****ya कट जाए ...

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लेखक के बारे में
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सतीश सिखवाल

Passion of both poetry and standup comedy. Ishq : चाय शायरी और उसकी बातें

समीक्षा
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  • author
    अंजली सिंह
    10 मई 2020
    👌
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    अंजली सिंह
    10 मई 2020
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