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रहीम के दोहे

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दोहा -01 जो रहीम उत्तम प्रकृति , का करी सकत कुसंग । चन्दन विष व्यापे नहीं , लिपटे रहत भुजंग ।। अर्थ : रहीमदास जी कहते हैं कि जो अच्छे स्वभाव के मनुष्य होते हैं, उनको बुरी ...

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लेखक के बारे में
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S🅰️KSHI

The biggest suspense of your life is that ..... U don't know who is praying for u and who is playing with u...❣️

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    NIRAJ
    01 सितम्बर 2024
    behtareen dohe
  • author
    MANJU SHARMA
    26 अगस्त 2024
    बहुत सुन्दर रहीम जी के दोहे वो भी भावार्थ के साथ 👌👌लाजवाब सराहनीय प्रयास अनुपम प्रस्तुति 👌👌👌❤
  • author
    Author sukoon Bazzad ✍️
    23 अगस्त 2024
    bahut hi sundar prastuti 👌🏻✍🏻
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    NIRAJ
    01 सितम्बर 2024
    behtareen dohe
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    MANJU SHARMA
    26 अगस्त 2024
    बहुत सुन्दर रहीम जी के दोहे वो भी भावार्थ के साथ 👌👌लाजवाब सराहनीय प्रयास अनुपम प्रस्तुति 👌👌👌❤
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    Author sukoon Bazzad ✍️
    23 अगस्त 2024
    bahut hi sundar prastuti 👌🏻✍🏻