रहस्य जब तक नहीं खुलता,तब तक ही रहस्य होता है । रहस्य खुलते ही,वास्तविकता का दर्शन अवश्य होता है । रहस्यमय जीवन जीते हैं जो उनका, उनके ही लोगों से । छोटी से छोटी बात पर,अविश्वास और वैमनस्य होता है । ...
मैं सेवा निवृत्त शिक्षक हूँ । व्याख्याता पद से सेवानिवृत्त होने के बाद स्वाध्याय में मेरी विशेष रुचि है । मुझे आध्यात्मिक विचार धारा के व्यक्ति अधिक पसंद हैं । मैं स्वयं कष्ट झेल कर , दूसरों में खुशियाँ बाँट कर , सुख का अनुभव करने में विश्वास रखना चाहता हूँ ।जीवन के शेष बचे हुए दिन ईश्वर का सानिध्य प्राप्त करने में लगाना चाहता हूँ ।
सारांश
मैं सेवा निवृत्त शिक्षक हूँ । व्याख्याता पद से सेवानिवृत्त होने के बाद स्वाध्याय में मेरी विशेष रुचि है । मुझे आध्यात्मिक विचार धारा के व्यक्ति अधिक पसंद हैं । मैं स्वयं कष्ट झेल कर , दूसरों में खुशियाँ बाँट कर , सुख का अनुभव करने में विश्वास रखना चाहता हूँ ।जीवन के शेष बचे हुए दिन ईश्वर का सानिध्य प्राप्त करने में लगाना चाहता हूँ ।
रिपोर्ट की समस्या
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