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रहस्यमय

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रहस्य जब तक नहीं खुलता,तब तक ही रहस्य होता है । रहस्य खुलते ही,वास्तविकता का दर्शन अवश्य होता है । रहस्यमय जीवन जीते हैं जो उनका, उनके ही लोगों  से । छोटी से छोटी बात पर,अविश्वास और वैमनस्य होता है । ...

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लेखक के बारे में
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Chhotelal Shukla

मैं सेवा निवृत्त शिक्षक हूँ । व्याख्याता पद से सेवानिवृत्त होने के बाद स्वाध्याय में मेरी विशेष रुचि है । मुझे आध्यात्मिक विचार धारा के व्यक्ति अधिक पसंद हैं । मैं स्वयं कष्ट झेल कर , दूसरों में खुशियाँ बाँट कर , सुख का अनुभव करने में विश्वास रखना चाहता हूँ ।जीवन के शेष बचे हुए दिन ईश्वर का सानिध्य प्राप्त करने में लगाना चाहता हूँ ।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    kanhaiya khatri (. K. K .)
    10 मई 2025
    सही कहा लाजवाब प्रस्तुति आपकी वाह 👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
  • author
    निरंजना जैन
    10 मई 2025
    एकदम सही जी।👍👌👌👌👌
  • author
    Divya Divylata
    10 मई 2025
    बोले तो बिंदास 😜😜😜😜😜😜 बहुत ही लाजवाब रचना 👌👌👌👌👍👍👌👌👍👍
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    kanhaiya khatri (. K. K .)
    10 मई 2025
    सही कहा लाजवाब प्रस्तुति आपकी वाह 👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
  • author
    निरंजना जैन
    10 मई 2025
    एकदम सही जी।👍👌👌👌👌
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    Divya Divylata
    10 मई 2025
    बोले तो बिंदास 😜😜😜😜😜😜 बहुत ही लाजवाब रचना 👌👌👌👌👍👍👌👌👍👍