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रागिनी- द स्कूल गर्ल

3.9
21043

मैं सारी रात सो नहीं पायी। सुबह जाकर कहीं नींद आयी तो मां ने सोने न दिया। सुबह सात बजे ही चाय लेकर आ गयी। मैं गुस्से में बिफर पड़ी- “अगर तुम दो-तीन घण्टे बाद आती तो कौन सी कयामत आने वाली थी। ओह ...

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लेखक के बारे में
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राजेश आनंद

संवेदनाये मेरे बचपन से ही मेरे व्यक्तित्व का हिस्सा रही हैं। छोटी छोटी बातों के अभिप्राय को समझना, विश्लेषण करना उन्हें शब्दों और चित्रों के जरिये स्वर देने की चेष्ठा ने उन्हें बाल्य्काल में ही एक लेखक और चित्रकार बना दिया था। मेरी पहली उपन्यास गुनहगार उस समय प्रकशित हुई थी जब मेरी उम्र महज़ 17 साल की थी। लेखन के प्रति आकर्षण मेरी प्रतिभा का नहीं अपितु स्वाभाव का हिस्सा था। अमूनन जिन घटनाओ को दिनचर्या का हिस्सा समझ व्यक्ति भुला देता है उन्ही घटनाओं में मैं अपनी कहानियों के क़िरदार ढूढता हूँ। अब तक लिखी उपन्यासों जैसे 'गुनहगार' में उन्होंने जहाँ एक ओर एक लड़की के पिता की मजबूरियाँ और इंसान की हैवानियत का जीवंत चित्रण किया है तो 'रागिनी - द स्कूल गर्ल' में उन्होंने 12 -13 की लड़कियों के किरदारों को 21वी शदी के समाज से ऐसा रिश्ता कायम कर दिया है कि समझना मुश्किल हो जाता है कि आप कोई कहानी पढ़ रहे हैं या अपने आस पास हो रही घटनाओं को जीवंत देख रहें हैं। 'मेरी अर्द्धांगिनी उसकी प्रेमिका' मेरी हाल ही में प्रकाशित उपन्यास है। जबकि लाल ग्रह जल्दी ही बाजार में आ जायेगी।, फिरहाल मैं हिन्दू द दंगा को लिखने में व्यस्त हूँ। फॉलो करिए ट्वीटर : @rajeshaanand_in इंस्टाग्राम: rajeshaanand

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    आस्था माहरा
    13 सितम्बर 2020
    such kahu to mujhe theek lgi tartmyta ka abhaw tha khani mai jitna pdte gye koi utsukta nhi thi umeed hai aapko bura nhi lgega
  • author
    Fahmina Abidi
    03 मई 2020
    behad hi bakwaas lagi mujhe ye story
  • author
    Chandan Pandey
    04 जनवरी 2021
    कल्पना से परे इस कहानी ने एक ऐसी दुनियाँ से अवगत करवाया जो शायद नहीं होना चाहिए था| आंखें नम होना स्वाभाविक है 😌😌
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    आस्था माहरा
    13 सितम्बर 2020
    such kahu to mujhe theek lgi tartmyta ka abhaw tha khani mai jitna pdte gye koi utsukta nhi thi umeed hai aapko bura nhi lgega
  • author
    Fahmina Abidi
    03 मई 2020
    behad hi bakwaas lagi mujhe ye story
  • author
    Chandan Pandey
    04 जनवरी 2021
    कल्पना से परे इस कहानी ने एक ऐसी दुनियाँ से अवगत करवाया जो शायद नहीं होना चाहिए था| आंखें नम होना स्वाभाविक है 😌😌