रघुपति राघव राजा राम संग विराजै सिया ललाम, अवधपुरी अति सुंदर धाम जन्म लिए जंह प्रभु श्रीराम, प्रातः उठि सब करिये ध्यान जनम सुफल करिहैं श्रीराम, जय रामजी की बीरेंद्र ...
मेरी पुत्री श्रुति सहाय ने प्रतिलिपि पर दो रचनाएँ, उफ्फ्फ ये मोटापा और मेरी उलझन, प्रकाशित किया,, लोगों ने पसंद किया,, मुझे उससे प्रेरणा मिली और मैंने शुरुआत की, आप पाठकों ने पसंद किया, इसके लिए मैं आपलोगों का शुक्रगुज़ार हूँ, धन्यवाद,
सारांश
मेरी पुत्री श्रुति सहाय ने प्रतिलिपि पर दो रचनाएँ, उफ्फ्फ ये मोटापा और मेरी उलझन, प्रकाशित किया,, लोगों ने पसंद किया,, मुझे उससे प्रेरणा मिली और मैंने शुरुआत की, आप पाठकों ने पसंद किया, इसके लिए मैं आपलोगों का शुक्रगुज़ार हूँ, धन्यवाद,
रिपोर्ट की समस्या
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