चौपई छंद (8,7) रघुपति राघव राजा राम ******************** रघुपति राघव, राजा राम। कर लो अपने, सारे काम।। शर्म न करना,सुन लो आप। बापू जी ने,छोड़ी छाप।।(1) पहने खादी,चरखा कात। करते थे वो,जग हित बात।। ...
मन में आते भाव उथल-पुथल मचा देतें हैं मस्तिष्क में।
प्रतिलिपि से जुड़ी 2020 में,पहले यहां पाठक के रूप में फिर पता चला मैं भी आसानी से लिख सकती हूं।
बस यह लेखन सफर तभी से जारी है।
सारांश
मन में आते भाव उथल-पुथल मचा देतें हैं मस्तिष्क में।
प्रतिलिपि से जुड़ी 2020 में,पहले यहां पाठक के रूप में फिर पता चला मैं भी आसानी से लिख सकती हूं।
बस यह लेखन सफर तभी से जारी है।
रिपोर्ट की समस्या
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