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रचना 20 जुल॰ 2023 # मणिपुर हिंसा# शोषण# बलात्कार

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हर रोज़ खबर ऐसी जो दिल के पार हुई जाती है... देख देख मानवता शर्मसार हुई जाती है! जीतने को निकली जग को अपने घर को छोड़ कर हार गई सब, इज्ज़त तार तार हुई जाती है! कुछ लफ्ज़ याद आते हैं "तपन" के हिय में ...

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लेखक के बारे में
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सोनिया पंत

क्या लिखुं? बस लिखने की कोशिश कर रही हूं। Presently working as Sr. Admin Asstt. In PGIMER, Chandigarh.

समीक्षा
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  • author
    Pramila Joshi "जोशी"
    27 नवम्बर 2023
    कहीं भी लड़ाई झगड़ा हो अत्याचार महिलाओं पर ही होता है।गालियां भी माँ बहन को ही दी जाती है।मैं सोंचती हूँ जिस दिन महिलायें मिलकर अकेले पुरूष पर अत्याचार करना आरम्भ कर दे शायद मर्द को कुछ सीख मिलें। भय बिन होत न प्रीत ---ये मेरा व्यक्तिगत विचार है।
  • author
    21 जुलाई 2023
    मुझे आपकी लेखनी पर गर्व है, जो समय पर बोली , सही में इस घटना से पूरे देश को शर्मसार होना होगा
  • author
    विवेक "वारिद"
    20 जुलाई 2023
    मानवता को शर्मसार करती और तथाकथित सभ्य समाज के मुंह पर कालिख लगाती दुखद घटना😞 मार्मिक अभिव्यक्ति
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    Pramila Joshi "जोशी"
    27 नवम्बर 2023
    कहीं भी लड़ाई झगड़ा हो अत्याचार महिलाओं पर ही होता है।गालियां भी माँ बहन को ही दी जाती है।मैं सोंचती हूँ जिस दिन महिलायें मिलकर अकेले पुरूष पर अत्याचार करना आरम्भ कर दे शायद मर्द को कुछ सीख मिलें। भय बिन होत न प्रीत ---ये मेरा व्यक्तिगत विचार है।
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    21 जुलाई 2023
    मुझे आपकी लेखनी पर गर्व है, जो समय पर बोली , सही में इस घटना से पूरे देश को शर्मसार होना होगा
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    विवेक "वारिद"
    20 जुलाई 2023
    मानवता को शर्मसार करती और तथाकथित सभ्य समाज के मुंह पर कालिख लगाती दुखद घटना😞 मार्मिक अभिव्यक्ति