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रात रानी

4.0
2960

रात रानी रात हो चली थी, ठंडी ठंडी हवाएं उसकी जुल्फों को उड़ा रही थी। उसकी आंखें मानो स्वयं चंद्रमा की चांदनी सी थी। बला की खूबसूरत वो जिसको देख ले बस मार डाले। रात रानी के फूलों की खुशबू उसे बहुत ...

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लेखक के बारे में

शक्तिरूपेण संस्थिताम।।🙏 #my_universe is here in my Stories समझदारी से चलो वरना हर कुएं की मुंडेर नहीं होती गिर गए तो बचना मुश्किल है, बच गए तो किस्मत , हर दफा दिलेर नहीं होती।। (Don't try to copy any content ) ©️सर्वाधिकार सुरक्षित । 💁 धन्यवाद

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Meenakshi Pancholi
    08 सितम्बर 2020
    nice
  • author
    Happy {vani} Rajput
    14 जून 2020
    बहुत खूब 👌👌 इस पर भी राय दें "लाकडाउन में बावरा मन", को प्रतिलिपि पर पढ़ें : https://hindi.pratilipi.com/story/लाकडाउन-में-बावरा-मन-zmcuij05bq35?utm_source=android
  • author
    Kavi Santosh
    13 जून 2020
    वाह क्या कहना, मन को चंचल होने और कल्पना करने पर मजबूर कर दिया
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    Meenakshi Pancholi
    08 सितम्बर 2020
    nice
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    Happy {vani} Rajput
    14 जून 2020
    बहुत खूब 👌👌 इस पर भी राय दें "लाकडाउन में बावरा मन", को प्रतिलिपि पर पढ़ें : https://hindi.pratilipi.com/story/लाकडाउन-में-बावरा-मन-zmcuij05bq35?utm_source=android
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    Kavi Santosh
    13 जून 2020
    वाह क्या कहना, मन को चंचल होने और कल्पना करने पर मजबूर कर दिया